30 साल बाद घाना पहुंचने वाले भारत के पहले PM बने मोदी, जानिए क्यों देश के लिए खास है ये यात्रा?

PM Modi Ghana Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफ्रीकी धरती पर एक बार सक्रिय कूटनीति के मिशन पर हैं। इस बार शुरुआती मंजिल है घाना। घाना एक ऐसा देश है जो भले ही भारत से भौगोलिक रूप से दूर है लेकिन अब ग्लोबल साउथ के समीकरणों में बेहद करीब आ गया है। तो क्या है मोदी के घाना दौरे का असली मकसद? इस दौरे पर भारत के साथ कौन-से बड़े समझौते होंगे?

ये करीब 8500  किमी की दूरी तय करके दिल्ली से घाना की धरती पर जब नरेंद्र मोदी का विमान उतरा तो सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री नहीं बल्कि ग्लोबल साउथ की उम्मीदें भी वहां पहुंची।

अफ्रीका से एशिया तक और दक्षिण से संयुक्त राष्ट्र तक मोदी अब एक नेता नहीं ग्लोबल साउथ की आवाज बन चुके हैं। ग्लोबल साउथ अब सिर्फ शब्द ही नहीं बल्कि भारत की कूटनीति का मूल मंत्र बन चुका है। घाना के साथ रिते मजबूत कर भारत उन देशों के साथ साझेदारी बढ़ा रहा है, जो कभी उपेक्षित थे। लेकिन अब नए विश्व व्यवस्था में निर्णायक हो सकते हैं। पीएम मोदी का दो दिवस्यी दौरा इस इस तरह से खास माना जा रहा है।

भारत का रणनीतिक सहयोगी खासकर ऊर्जा, शिक्षा और रक्षा में भई पार्टनर बन सकता है। घाना भारत अफ्रीका के रिश्तों का गेटवे है जो भू राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम है। घाना से भारत में होने वाले आयात में 70 प्रतिशत से ज्यादा सोना होता है। घाना के लिए भारत सबसे बड़ा निर्यातक देश है। 818 परियोजनाओं में भारतीय कंपनियों का निवेश घाना में भारतीय कंपनियों की मजबूत उपस्थिति है। कृषि विनिर्माण, निर्माण शिक्षा, फार्मा, ऑटो, एफएमसीजी में भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं। करीब 30 साल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की घाना की यह पहली यात्रा होगी। घाना के रिश्ते भारत के साथ तब से हैं, जब घाना को एक स्वतंत्र देश के तौर पर भी मान्यता नहीं मिली थी।

साल 1953 से भारत और घाना के यह रिश्ते बहुत ज्यादा मजबूत हैं। प्रधानमंत्री मोदी इस बार दौरे में ना सिर्फ इस दोस्ती को और मजबूत करेंगे बल्कि सहयोग के साथ-साथ अब साझेदारी की बात होगी। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में कैसे भारत घाना की मदद कर सकता है। इसके इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में और इसके साथ-साथ कैसे भारत की रक्षा नियाद के अंदर यानी एक्सपोर्ट के अंदर घाना जैसे देश हमारे साथ खड़े हो सकते हैं। यानी अब यह समर्थन साझेदारी में तब्दील हो सकता है।

पीएम मोदी का घाना का दौरा महज इत्तेफाक नहीं हैं, बल्कि भारत की अफ्रीका डिप्लोमेसी का अहम पड़ाव है। जहां चीन अफ्रीका में इंफ्रास्ट्रक्चर से दोस्ती बना रहा है। वहीं भारत शिक्षा, तकनीक और हेल्थ सेक्टर मे अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। भारत घाना में वैक्सीन हब बनाने की तैयारी कर रहा है। कोविज के दौरान भारत ने 6 लाख वैक्सीन घाना को मुहैया कराई थी जो महामारी के दौर मे उसके लिए संजीवनी साबित हुई थी।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

संसद का मानसून सत्र 21 जुलाईव से होगा शुरु रिलीज से पहले जानकी फिल्म देखेंगे केरल हाईकोर्ट के जज हरियाणा रोडवेज बस के सामने लहराई पिस्तौल… मात खाने के बाद भी नहीं सुधर रहा PAK देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में 8वीं के छात्र से रैगिंग