भोपाल में SIR के नाम पर हो रहा मज़ाक! कमलनाथ बोले- मुखौटे के पीछे वोट चोरी का षड्यंत्र न करें

भाेपाल। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के 55 जिलों में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया शुरू कर दीा है। पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग और मध्य प्रदेश सरकार ने जिस आधी-अधूरी तैयारी के साथ प्रदेश में मतदाता सूचियों की जाँच अर्थात SIR की प्रक्रिया शुरू की है, उसने मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया का मज़ाक बना दिया है।

कमलनाथ ने शनिवार काे साेशल मीडिया एक्स पर एक पाेस्ट में आरोप लगाया कि प्रदेश के बहुत से ज़िलों में मतदाता बीएलओ का इंतज़ार कर रहे हैं और बीएलओ फ़ॉर्म मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं। हालत यह है कि ज़िलों में अभी तक फ़ॉर्म के प्रिंटआउट तैयार नहीं हुए हैं और न बीएलओ को दिए गए हैं। जहाँ कहीं फ़ॉर्म दिए भी जा रहे हैं, वे आधे अधूरे भरे हैं। 2003 की मतदाता सूची बीएलओ के पास उपलब्ध नहीं है और वे आशा कर रहे हैं कि मतदाता ही ख़ुद इंटरनेट से जाँच करके यह बताएँ कि उनका नाम तब था या नहीं था।

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश जैसी ग्रामीण आबादी वाले राज्य में जनता के ऊपर इंटरनेट से 2003 की मतदाता सूची में अपना नाम ढूँढने की ज़िम्मेदारी डालना वोटर के साथ सरासर अन्याय है। भारत के संविधान में स्पष्ट प्रावधान है कि नागरिकों को मतदाता बनाना चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है। इसलिए आयोग ने जो बातें काग़ज़ पर कहीं है, उनका ज़मीन पर भी पालन करे। उन्हाेंने कहा कि इतने शॉर्ट नोटिस पर और इतनी कम अवधि में एसआईआर करना पूरी तरह तुगलकी फ़रमान है। लेकिन न जाने किस नीयत के कारण आयोग इस काम में जुटा हुआ है। अगर इसी तरह की हीलाहवाली के साथ SIR किया गया तो इसमें संदेह नहीं है कि मतदाता सूची न्यायपूर्ण तरीक़े से नहीं बन पाएगी और प्रदेश के मतदाताओं के साथ नाइंसाफी होगी।

कमलनाथ ने कहा कि मैं आयोग और सरकार को आगाह करना चाहता हूँ कि इस हीलाहवाली के मुखौटे के पीछे वोट चोरी का षड्यंत्र ना करें। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस पार्टी और मध्य प्रदेश की जनता हर स्तर पर संघर्ष के लिए तैयार है।

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