
बरेली। उत्तर प्रदेश अग्निशमन विभाग द्वारा बुधवार को जिला अस्पताल में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. विश्राम सिंह, एडीएसआईसी डॉ. अलका शर्मा, अस्पताल के डॉक्टरों और सभी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
मॉक ड्रिल के दौरान लीडिंग फायरमैन उदयराज सिंह ने बताया कि अप्रैल माह में आग लगने की घटनाओं की संभावना अधिक होती है, विशेष रूप से अस्पतालों में शॉर्ट सर्किट या अन्य कारणों से आग लगने का खतरा बना रहता है। ऐसे में मॉक ड्रिल के माध्यम से यह बताया गया कि आग लगने की स्थिति में कैसे रोगियों और स्टाफ को सुरक्षित बाहर निकाला जाए और आग पर कैसे काबू पाया जाए।
अग्निशमन विभाग की टीम ने अस्पताल परिसर में लगे अग्निशमन यंत्रों का भी निरीक्षण किया। जांच में कुछ सिलेंडर खाली पाए गए, जबकि कुछ भरे हुए थे। विभाग ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि खाली सिलेंडरों को तत्काल भरवाया जाए और सभी यंत्रों की एक्सपायरी डेट की भी समय-समय पर जांच होती रहे।
सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि ज़िले में कुल 16 सीएचसी और पीएचसी हैं, जिनमें सभी पर अग्निशमन यंत्र उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस मॉक ड्रिल से कर्मचारियों को आग से निपटने की उपयोगी जानकारी मिली है, जिससे भविष्य में जनहानि को रोका जा सकेगा।इस मौके पर एफएसओ संजीव कुमार यादव, लीडिंग फायरमैन उदयराज सिंह, प्रवीण कुमार, रंजीत सिंह, धीरज सिंह, अशोक कुमार, प्रशांत कुमार, अली शेर सहित अस्पताल से डॉ. लक्ष्मीकांत, डॉ. संजीव, डॉ. पूजा, स्टाफ नर्सें और अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।