सपा से निष्कासित विधायक मनोज पांडेय जल्द देंगे इस्तीफा, भाजपा से मिल सकता है टिकट

लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने सोमवार को बगावती रवैया अपनाने वाले तीन विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इनमें सबसे चर्चित नाम रायबरेली की ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज कुमार पांडेय का है। पार्टी से निकाले जाने के बाद अब पांडेय के जल्द ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की संभावना है।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, भाजपा में शामिल हो चुके मनोज पांडेय को उपचुनाव में टिकट देने का आश्वासन भी मिल चुका है। भाजपा की रणनीति के तहत उन्हें चुनाव जीतकर दोबारा विधानसभा में लाने की योजना बनाई जा रही है, ताकि आगे चलकर उन्हें सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सके।

भाजपा की रणनीति के तहत उठाया गया कदम

मनोज पांडेय ने राज्यसभा चुनाव में सपा के विरोध में जाकर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की थी। उस समय वे सपा विधायक दल के मुख्य सचेतक भी थे। पार्टी लाइन के खिलाफ जाने के चलते उन्हें निष्कासित कर दिया गया।

सूत्रों का कहना है कि चूंकि वे सपा के टिकट पर विधायक बने हैं, इसलिए भाजपा नेतृत्व नहीं चाहता कि वे बिना उपचुनाव लड़े कोई बड़ी जिम्मेदारी संभालें। दारा सिंह चौहान के मामले की तर्ज पर ही उन्हें भी पहले इस्तीफा देने, फिर चुनाव लड़ने और जीतकर सत्ता में भागीदारी का रास्ता सुझाया गया है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और अनुभव

मनोज पांडेय का राजनीतिक सफर स्थानीय निकाय चुनावों से शुरू हुआ था। वे चार बार विधायक रह चुके हैं और सपा सरकार (2004-07 व 2012-17) में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। इसके अलावा वे सपा के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे अहम पदों पर भी रह चुके हैं।

दारा सिंह चौहान जैसा उदाहरण

इससे पहले भी समाजवादी पार्टी से आए दारा सिंह चौहान ने विधानसभा की सदस्यता छोड़कर भाजपा में शामिल होकर मंत्री पद प्राप्त किया था। हालांकि वे उपचुनाव हार गए थे, मगर भाजपा ने उन्हें विधान परिषद के रास्ते कैबिनेट मंत्री बनाया। अब यही फॉर्मूला मनोज पांडेय के मामले में भी अपनाया जा रहा है।

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