
नई दिल्ली : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि हमने 7 मई को सर्जिकल स्ट्राइक शुरू करने के दिन ही पाकिस्तान को सूचित कर दिया था। उन्होंने कहा कि किसी भी मिलिट्री ऑपरेशन में नुकसान होना महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि सफलता लक्ष्य पाने से आंकी जाती है। उन्होंने कहा कि तकनीकी मापदंडों के आधार पर विशेष डेटा निकाल कर इस संघर्ष में हुए नुकसान की जानकारी साझा की जाएगी।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान आज पुणे में सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी के रक्षा एवं रणनीतिक विभाग की ओर से ‘फ्यूचर वार एंड वारफेयर’ विषय पर संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। पिछले दिनों सिंगापुर में दिए गए बयान की चर्चा अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि उन्होंने आज कहा कि हमने 7 मई को सर्जिकल स्ट्राइक शुरू करने के दिन ही पाकिस्तान को सूचित कर दिया था। इसके बाद जब पाकिस्तान की तरफ से बयानबाजी हुई, तो हमने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान हम पर हमला करता है, सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करता है, तो हम जवाबी हमला करेंगे, उन पर और भी जोरदार हमला करेंगे।
सिंगापुर में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की तरफ से हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर सीडीएस ने कहा कि जब मुझसे हमारी तरफ से हुए नुकसान के बारे में पूछा गया, तो मैंने कहा कि ये महत्वपूर्ण नहीं है। परिणाम और आप कैसे कार्य करते हैं, ये महत्वपूर्ण है। नुकसान के बारे में बात करना बहुत सही नहीं होगा। मान लीजिए आप क्रिकेट टेस्ट मैच खेलने जाते हैं और आप किसी तरह से जीत जाते हैं, तो कितने विकेट, कितनी गेंदें और कितने खिलाड़ी हैं, इसका सवाल नहीं रह जाता है। तकनीकी मापदंडों के आधार पर हम यह विशेष डेटा निकालेंगे और आपके साथ साझा करेंगे। हम आपको बताएंगे कि हमने कितने विमान नष्ट किए और कितने रडार नष्ट किए। हम इसका एक मोटा आकलन करेंगे और जल्द ही इसके बारे में बताएंगे।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि 10 मई को रात करीब 1 बजे उनका (पाकिस्तान का) लक्ष्य भारत को 48 घंटे में घुटने टेकने पर मजबूर करना था। उनकी ओर से कई हमले किए गए और किसी तरह से उन्होंने इस संघर्ष को बढ़ा दिया, जबकि हमने वास्तव में केवल उनके आतंकी ठिकानों पर ही हमला किया था। उन्होंने सोचा था कि ऑपरेशन 48 घंटे तक चलेगा, जो करीब 8 घंटे में ही खत्म हो गया और फिर उन्होंने फोन उठाया और कहा कि वे बात करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि जहां तक हवाई युद्ध का सवाल है तो ऑपरेशन सिंदूर ने इतिहास रच दिया। विरोधी के खिलाफ सफल ऑपरेशन किए गए, जिससे सटीकता और आक्रामक इरादे के साथ अंदर तक लगातार ऑपरेशन करने में भारत की क्षमता साबित हुई है। यह एक बड़ी उपलब्धि थी कि हम विरोधी के हवाई रक्षा नेटवर्क को भेदने में सक्षम थे। सीडीएस ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। यह जारी है। यह शत्रुता की अस्थायी समाप्ति है। हमें अपनी चौकसी बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि हम लंबे समय तक संघर्ष में नहीं पड़ना चाहते थे। हमने ऑपरेशन पराक्रम में अपना अनुभव देखा है। हम लगभग नौ महीने तक वहां रहे। इसमें बहुत अधिक खर्च होता है, सब कुछ बाधित होता है।
सीडीएस ने कहा कि जहां तक पाकिस्तानी पक्ष का सवाल है तो मैं दो अनुमान लगा सकता हूं। पहला, वे बहुत लंबी दूरी पर तेजी से चीजें खो रहे थे और उन्होंने सोचा कि अगर यह कुछ और समय तक जारी रहा तो और अधिक नुकसान होने की संभावना है और इसलिए उन्होंने टेलीफोन करके सीजफायर का प्रस्ताव रखा।