
- मेडिकल कालेज पुल के नीचे नारी अस्मिता पर हमला
- सिपाही ने भद्दे कमेंट उछाले, फिर मोबाइल नंबर मांगा
- घर तक पीछा किया, ललकारने पर पलटकर भाग निकला
- मां-बहन के साथ विरोध जताने आई तो मोबाइल भी छीना
भास्कर ब्यूरो
कानपुर। नारी सशक्तिकरण के वास्ते गली-नुक्कड़ और स्कूल-कालेजों में मिशन-शक्ति की गूंज है। बेटियों को शोहदों से लड़ने के गुर सिखाने के लिए खाकी वर्दी को मुस्तैद किया गया है, लेकिन बुधवार को शोहदेबाज सिपाही ने खाकी वर्दी को शर्मसार कर दिया। हंसमुख-चंचल शादीशुदा लड़की को सिपाही ने खिलौना समझकर भद्दे कमेंट करना शुरू किया। लड़की ने अनदेखा किया तो मोबाइल नंबर की चाहत में हैलट परिसर स्थित घर तक पीछा किया। ड्योढ़ी पर पहुंचकर लड़की ने ललकारा तो शोहदा सिपाही उल्टे पैर भाग निकला। इसके बाद आपबीती बताने पर लड़की की मां-बहन उसे लेकर मौके पर पहुंची तो शोहदा अपने साथी सिपाहियों के साथ इत्मीनान से बैठा था। वीडियो बनाने की कोशिश पर झटपट नेम-प्लेट उतारकर जेब में रखी और मोबाइल छीनकर हाथापाई करने लगा। हरकत सार्वजनिक होने पर शोहदेबाज को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ एफआईआर लिखी गई है।
स्टांप खरीदते समय सिपाही ने मर्यादा लांघी
हैलट कैंपस के अंदर रहने वाले सुधीर पेशे से प्लंबर हैं। उनकी पत्नी गौरा रावतपुर में नमक फैक्ट्री चौराहे के करीब एक डॉक्टर के घर भोजन पकाने का काम करती हैं। बुधवार की दोपहर डाक्टर के घर से लौटते समय सर्वोदय नगर में मेडिकल कॉलेज पुल के नीचे जवाहरलाल रोहतगी नेत्र चिकित्सालय के सामने स्टांप खरीदने के लिए वेंडर की दुकान में रुकी तो मोबाइल पर किसी परिचित से संवाद के दरमियान गौरा की हंसी-खिलखिलाहट से करीब खड़ा सिपाही बृजेश सिंह आकर्षित हुआ तो भद्दे-भद्दे कमेंट उछालने लगा। गौरा ने इग्नोर किया तो सिपाही की हरकत बढ़ने लगी। गौरा ने तेजी के साथ कदम हैलट कैंपस की ओर बढ़ाए तो शोहदा सिपाही बृजेश भी पीछा करते हुए साथ चलने का ऑफर देते हुए मोबाइल नंबर मांगने लगा।
चौखट से भागा, मोबाइल छीनकर हाथ मरोड़ा
गौरा की छोटी बहन रिया के मुताबिक, छेड़छाड़ करने वाला सिपाही बहन का पीछा करते हुए हैलट कैंपस तक पहुंच गया था। कैंपस के बाहर गौरा की बड़ी बहन नाजिया और मां चाय की दुकान चलाती हैं। वहां पहुंचने पर गौरा ने कैंपस के अंदर आकर मोबाइल नंबर लेने के लिए तेज आवाज में ललकारा तो सिपाही बृजेश सिंह भाग निकला। बदहवाश देखकर गौरा से मां-बहन ने कारण पूछा तो उसने आपबीती सुनाई। इसके बाद गौरा की बहन रिया और मां उसे लेकर मेडिकल कॉलेज पुल के नीचे पहुंची तो दो अन्य सिपाहियों के साथ बृजेश मौजूद था। गौरा ने वीडियो बनाना चाहा तो बृजेश ने नेमप्लेट उतारकर जेब में रखी और मोबाइल छीनने के लिए जबरदस्ती करने लगा। छीना-झपटी में चूड़ी टूटने से गौरा की कलाई में जख्म भी आए हैं। रिया का आरोप है कि, इस दरमियान सिपाही ने गलत तरीके से स्पर्श करने का प्रयास भी किया था। बहरहाल, रिया-गौरा का रौद्र रूप देखकर शोहदा सिपाही माफी मांगता रहा, लेकिन रिया ने हिम्मत दिखाते हुए सिपाही बृजेश की वर्दी की डोरी पकड़कर उसे काकादेव थाने तक पहुंचा दिया।
समझौते की कोशिश, फिर तत्काल निलंबन
काकादेव थाने में काफी देर तक दोनों पक्षों में समझौते के प्रयास में थाना-पुलिस जुटी रही। पड़ताल में मालूम हुआ कि, बृजेश की ड्यूटी नजीराबाद थाने की पीआरवी में है। अपना इलाका छोड़कर काकादेव थानाक्षेत्र में क्यों मौजूद था, इस सवाल पर सिपाही बृजेश का कहना है कि, साथी भोजन करने आया था तो वह भी साथ आया था। बृजेश का कहना है कि, वह मोबाइल में गाना सुन रहा था, शिकायतकर्ता लड़की को गलतफहमी हुई है। छेड़छाड़ का आरोप गलत है। बहरहाल, मामला सुर्खियों में आने के बाद स्वरूपनगर एसीपी आईपीएस सुधीर सुधाकर रामटेके ने सिपाही को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ ही एफआईआर दर्ज कराई है। गौरतलब है कि, रिया और गौरा जन्म से मुस्लिम हैं, लेकिन दोनों बहनों ने हिंदू बिरादरी में विवाह के बाद अपना नाम सोफिया खान और आशिया खान को बदल लिया है।












