मीरजापुर की गौरव मधुरिमा तिवारी को मिलेगा राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार – 2025

मीरजापुर : प्रभारी प्रधानाध्यापक पी.एम.श्री. कम्पोजिट स्कूल, रानी कर्णावती नगरपालिका क्षेत्र, मीरजापुर की मधुरिमा तिवारी का चयन इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार – 2025 के लिए किया गया है। श्रीमती तिवारी को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्वारा 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा। इस वर्ष देश के विभिन्न राज्यों से कुल 45 शिक्षकों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के डायरेक्टर भगवती प्रसाद कलाल द्वारा सूची जारी की गई है।

मीरजापुर नगरपालिका के पी.एम.श्री. कम्पोजिट स्कूल, रानी कर्णावती की प्रभारी प्रधानाध्यापक श्रीमती मधुरिमा तिवारी ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने बच्चों एवं अभिभावकों को देते हुए सभी सहयोगियों का धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमारे देश की आधारशिला है और देश के भविष्य को शिक्षित करना हमारा सौभाग्य है।

बीसवीं सदी के आरंभ में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए उन्हें नौनिहालों का भविष्य संवारने का अवसर प्राप्त हुआ। उनकी प्रथम नियुक्ति मीरजापुर जिले के ग्रामीण अंचल के अत्यंत पिछड़े ब्लॉक, पटेहरा बहरछठ ग्राम में हुई। उस समय विद्यालयों की संख्या मात्र 92 थी और भौतिक सुविधाएं लगभग शून्य थीं। उनका प्रमुख कार्य नामांकन बढ़ाने, पठन-पाठन और भौतिक परिवेश सुदृढ़ करना था।

दो वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने विद्यालय में चारदीवारी और अतिरिक्त कक्ष निर्माण कराते हुए वृक्षारोपण अभियान चलाया। प्रधान एवं जनसमुदाय के सहयोग से बच्चों के बैठने हेतु डेस्क-बेंच की व्यवस्था की। विद्यालय को भौतिक रूप से सुसज्जित कर बिजली एवं इन्वर्टर की व्यवस्था की। परिणामस्वरूप छात्र संख्या 352 तक बढ़ गई।

वर्ष 2011 में उनका स्थानांतरण नगरपालिका स्थित रानी कर्णावती प्राथमिक पाठशाला में हुआ। विद्यालय की दयनीय स्थिति देखकर मन अत्यंत व्यथित था, फिर भी उन्होंने सकारात्मक सोच के साथ परिवेश बदलने का प्रयास जारी रखा।

2016-17 में विद्यालय का प्रभार संभालते हुए उन्होंने जनसमुदाय, अधिकारीगण और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से विद्यालय एवं नौनिहालों के विकास हेतु कार्य किया। जीर्णशीर्ण कक्षों का निर्माण, चारदीवारी निर्माण और रंग-रोगन द्वारा विद्यालय को आधुनिक बनाने का प्रयास किया।

विद्यालय को प्रकृति से परिपूर्ण बनाने हेतु वृक्षारोपण कार्य प्रारंभ किया गया, जिसका परिणाम है कि आज विद्यालय में आकर्षक मैदान और सुन्दर बागवानी स्थापित है।

विद्यालय में बालिकाओं के लिए सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, जूडो और कराटे आदि के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया गया। कुछ छात्राएं यहां से निकल कर जीविकोपार्जन भी कर रही हैं।

सन् 2016 में जनसहयोग के माध्यम से विद्यालय को पहला टी.वी., कम्प्यूटर और प्रोजेक्टर प्राप्त हुआ। इसके बाद आई.सी.टी. लैब, स्मार्ट क्लास, लैपटॉप, आधुनिक पुस्तकालय, सी.सी.टी.वी. युक्त कक्ष और वाई-फाई से लैस परिसर स्थापित हुआ।

विद्यालय का वार्षिकोत्सव अभिभावकों और स्टाफ के सहयोग से सुसज्जित रूप में मनाया जाता है। बच्चों की शिक्षा में आधुनिक तकनीकों के उपयोग और स्मार्ट टी.वी., प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षण सुनिश्चित किया गया।

विद्यालय को स्वच्छता, अनुशासन, वृक्षारोपण, पाठ्य-सहगामी क्रियाकलाप, खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से प्रेरणादायक बनाया गया। कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षण कार्य समाज में चर्चा का विषय रहा।

मधुरिमा तिवारी ने कहा कि बच्चों की सफलता उनके लिए सबसे बड़ी ताकत है। उनके प्रयासों और सहयोग से विद्यालय ने फर्श से अर्श तक की यात्रा पूरी की और जिले में एक उत्कृष्ट और आधुनिक शिक्षण संस्थान के रूप में पहचान बनाई।

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