
मीरजापुर। आईसीएचआर नई दिल्ली एवं जीडी बिनानी पीजी कॉलेज के इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में महाविद्यालय के पद्मा बिनानी सभागार में “शहादत और विरासत: भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में क्रांतिकारी आंदोलन की भूमिका” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मां विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय मीरजापुर की कुलपति प्रोफेसर शोभा गौंड एवं प्रबंध समिति के अध्यक्ष गौरी शंकर नेवर, सचिव डॉ राजेश कुमार बांगड़ी एवं प्रबंध समिति के सदस्यों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण द्वारा किया गया।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि , प्रबंध समिति के सदस्यों को महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर बीना सिंह एवं संगोष्ठी के संयोजक डॉ ऋषभ कुमार द्वारा प्रतीक चिन्ह, अंगवस्त्रम एवं तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया गया। सत्र की शुरुआत में अतिथियों को सम्मानित करने के बाद संयोजक डा ऋषभ कुमार द्वारा सभी का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन किया गया। इसके बाद बीज वक्तव्य प्रो समय सेन गुप्ता के द्वारा रखा गया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान कुलपति द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी के विषय की सराहना करते हुए राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े हुए क्रांतिकारी व्यक्तित्व से वर्तमान में शिक्षा लेने की आवश्यकता है।
महाविद्यालय के सचिव डॉक्टर राजेश कुमार बांगड़ी द्वारा अन्य महाविद्यालय के विद्वज जनों, शोध छात्रों के प्रति आशीर्वचन एवं आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर ICHR के डिप्टी डायरेक्टर डॉ विनोद कुमार द्वारा संगोष्ठी की थीम पर खुशी जाहिर करते हुए छोटे-छोटे लोगों के बलिदान को याद किया एवं भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद की विभिन्न अनुदान योजनाओं के बारे में भी बताया। गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो अजय प्रताप ने संगोष्ठी के विषय एवं संयोजक की सराहना करते हुए शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद प्रदान किया। अध्यक्ष के रूप में उद्बोधन करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर बीना सिंह ने राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े हुए क्रांतिकारियों के शहादत की सराहना करते हुए उनको याद किया एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी के बायोजन समिति के सदस्यों को विशेष धन्यवाद दिया।
महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर राजमोहन शर्मा द्वारा गोष्ठी में आए हुए विद्वानों के प्रति जिसमे मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर एवं शोध छात्रों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर वंदना मिश्रा के द्वारा किया गया। लंच के बाद राष्ट्रीय संगोष्ठी में दो प्लेनरी सेशन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रो सत्यनारायण, राजकीय महाविद्यालय सेवापुरी ने की जिसमें जे एन यू के डा मनोज शर्मा, किरोड़ी मल कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ पुनीत यादव एवं डा धीरज कुमार, एवं सनबीम विमेन कॉलेज वरुण के द रविशेखर सिंह ने अपना व्याख्यान दिया। इसके साथ ही समानांतर चलने वाले ऑनलाइन एवं ऑफलाइन तकनीकी सत्र में देश के विभिन्न भागों दिल्ली, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, आंध्र प्रदेश आदि से आए प्रतिभागियों शिक्षकों एवं शोध छात्रों के द्वारा पेपर प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक गण कर्मचारी गण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। आयोजन समिति में संगोष्ठी के कोर्डिनेटर प्रो राजमोहन शर्मा, आयोजन सचिव प्रो सुशील त्रिपाठी एवं जय प्रकाश सिंह, अखिलेश पटेल, डा आशुतोष तिवारी, डा राम मोहन अस्थाना, अभिषेक मौर्य, शमीम अहमद, कुमारी दिव्या यादव, वसीम अकरम अंसारी आदि उपस्थित रहे।