
मीरजापुर। उत्तर प्रदेश में मीरजापुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) राजगढ़ के शौचालय में शुक्रवार सुबह एक नवजात बच्ची रोते हुए मिली। अस्पताल कर्मचारियों ने तुरंत बच्ची को सुरक्षित निकालकर उपचार शुरू किया, जिससे उसकी जान बच गई। चिकित्सकों ने बच्ची की हालत सामान्य बताई है।
राजगढ़ गांव निवासी राम सकल सीएचसी में संविदा पर सफाई का काम करता है। रोज की तरह वह शुक्रवार सुबह सफाई कर रहे थे। उसी दौरान जनरल वार्ड के पास स्थित शौचालय से एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। वे तुरंत अंदर पहुंचे तो शौचालय के प्याले में एक नवजात बालिका रोती हुई दिखाई दी। यह देखकर वे घबरा गए और तुरंत आकस्मिक ड्यूटी पर मौजूद डॉ. सर्वेश कुमार पांडेय को सूचना दी।
डा. पांडेय स्टाफ नर्स शिवा देवी के साथ मौके पर पहुंचे। स्थिति देखकर नर्स शिवा देवी ने तुरंत बच्ची को गोद में उठाया और प्रसव कक्ष में ले जाकर उसका प्राथमिक उपचार शुरू किया। बच्ची के शरीर से नाड़ा काटकर उसे सुरक्षित रखा गया। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत पुलिस और चाइल्ड केयर लाइन को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इसी सप्ताह सोमवार को नदीहार गांव के पास रेलवे अंडरब्रिज के किनारे एक नवजात शिशु का शव बरामद हुआ था। चार दिन के भीतर दूसरी घटना से क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में बिना रोक-टोक चल रहे क्लीनिकों और झोलाछापों की लापरवाही के चलते ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। लोकलाज के डर से नवजातों को छोड़ देने की घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं।
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