मिर्जापुर। अपने समय में नगर सेठ की उपाधि से विभूषित सेठ द्वारका प्रसाद बजाज की जन्मशताब्दी सोमवार 25 सितंबर को विद्यालय में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
संस्था के चेयरमैन प्रदीप कुमार बजाज एवं चेयर पर्सन श्रीमती सरिता बजाज ने दीप प्रज्जवलन किया तथा अपने पिता सेठ द्वारका प्रसाद की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। तत्पश्चात परिवार के सभी सदस्यों ने उन्हें पुष्पाजलि अर्पित की।
परिवार की वयोवृद्ध सदस्या बिमला जी ने अपनी पुरानी स्मृतियों को याद करते हुए उनके कुछ संस्मरण लोगों के सामने रखे।भजन गायक ध्रुव शर्मा एवं स्वर्णा श्री ने विमला जी द्वारा रचित भजन संग्रह का विमोचन किया। संस्था के सचिव परितोष बजाज ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे बाबा जी सेठ द्वारका प्रसाद दूरदृष्टा थे। श्री द्वारिकाधीश जी की कृपा से उन्होंने अपने कुल की यशवृद्धि की। आज हम लोग उनके आशीर्वाद तथा ठाकुर जी की कृपा के फलस्वरूप ही उनका सपना साकार कर रहे हैं। इन 24 वर्षों में विद्यालय के प्रति जिनका भी योगदान रहा है मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूँ तथा आशा करता हूँ कि बाबा जी के आशीर्वाद से विद्यालय नई ऊँचाइयों को छूएगा।
उल्लेखनीय है कि सन् 1937 में किंग जार्ज षष्ठम् के राजतिलक के अवसर पर बनारस डिवीजन के तत्कालीन अंग्रेज कमिश्नर के द्वारा सेठ जी को उत्कृष्ट समाज सेवा के लिए सम्मानित किया गया था। सेठ द्वारका प्रसाद जी अपने जीवनकाल में बच्चों के लिए मीरजापुर में एक विद्यालय खोलना चाहते थे। उनकी इस अभिलाषा को उनके सुयोग्य पुत्र प्रदीप कुमार बजाज ने पूरा किया।
विद्यालय की प्रधानाचार्या डा० शिवानी कौशिक ने 1999 में प्रारम्भ हुए इस विद्यालय की विकास यात्रा का संक्षेप में वर्णन किया। तत्पश्चात वृन्दावन धाम से पधारे विख्यात भजन गायक ध्रुव शर्मा एवं स्वर्णा श्री जी ने अपने सुमधुर भजनों के द्वारा श्रोताओं को भक्तिरस से सराबोर कर दिया। गायकों ने ऐसी घुन छेड़ी कि श्रोता सम्मोहित होकर झूमने लगे।
ध्रुव शर्मा एवं स्वर्णा श्री ने भगवान श्री कृष्ण, राधारानी के अनेक भजन प्रस्तुत किए। बीच-बीच में जयकारा भी लगता रहा। नगर के प्रतिष्ठित गणमान्य, बजाज परिवार के सदस्य देर रात्रि तक भजन का आनंद लेते रहे। इस अवसर पर शहर के गणमान्यजन एवं विद्यालय परिवार के लोग मौजूद रहे।