SSC की ‘दागी’ सूची में मंत्री के भाई का नाम, कोर्ट पहुंचे राज्य मंत्री श्रीकांत महातो!

West Bengal : पश्चिम बंगाल के शिक्षा घोटाले से जुड़ी बड़ी ख़बर सामने आई है। स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) द्वारा हाल ही में जारी “दागी शिक्षाकर्मियों” की सूची में राज्य के उपभोक्ता संरक्षण एवं सहकारिता विभाग के राज्य मंत्री तथा शालबनी के विधायक श्रीकांत महातो के भाई खोकन महातो का नाम भी शामिल है।

सूत्रों के अनुसार, 2016 के एसएससी ग्रुप-सी भर्ती पैनल को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था, जिसके बाद 3512 अयोग्य (टेंटेड) कर्मचारियों की सूची प्रकाशित की गई। इस सूची में क्रमांक 1270 पर खोकन महातो का नाम दर्ज है। खोकन महातो 2017 में झाड़ग्राम के बैता श्रीगोपाल हाई स्कूल में क्लर्क के रूप में नियुक्त हुए थे।

इस पर मंत्री श्रीकांत महातो ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमने एसएससी के खिलाफ केस दायर किया है। आयोग ने जो ओएमआर शीट आपलोड की थी, वही हमने अदालत में जमा की है। अदालत ही तय करेगी कि मेरे भाई को ‘टेंटेड’ कैसे कहा गया।

विपक्ष ने आरोप लगाया कि मंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग कर भाई को नौकरी दिलाई। इस पर श्रीकांत महातो ने जवाब दिया – “मेरा भाई गणित में स्नातक है, लाइब्रेरी साइंस में सेट पास किया है, और प्राइमरी टेट भी पास किया था। उसने अपनी योग्यता से नौकरी हासिल की थी, कोई प्रभाव नहीं डाला गया। अदालत में सच सामने आ जाएगा।”

इससे पहले 2023 में, जब कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर ‘विकृत ओएमआर’ वाले उम्मीदवारों की सूची आई थी, तब भी मंत्री ने अपने भाई के नाम पर सवाल उठाया था और कहा था कि अगर उसका भाई वास्तव में फर्जी तरीके से पास हुआ पाया जाता है तो वे मंत्रिपद से इस्तीफा दे देंगे।

हालांकि इस मामले पर खोकन महातो से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।

भाजपा ने इस घटनाक्रम पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि यह मामला बताता है कि सत्तारूढ़ दल के कई नेता अपने रिश्तेदारों को अवैध रूप से नौकरी दिलाने में शामिल थे।

जिला उपाध्यक्ष शंकर गुछैत ने कहा, “यह साफ है कि श्रीकांत महातो जैसे कई नेताओं ने अपने प्रभाव से परिजनों को नौकरी दिलाई थी। अब जब अदालत ने नौकरी रद्द की है, तो वे उल्टा आयोग को दोष दे रहे हैं।”

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