मंत्री सुरेश सिंह रावत का सख्त बयान : कहा – कांग्रेस शासनकाल में बढ़े धर्मांतरण के मामले

अजमेर। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासनकाल में धर्मांतरण के मामले बढ़े और पार्टी नेताओं की शह पर ऐसे कृत्य खुले तौर पर होते रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पार्टी से जुड़े लोग धर्मांतरण के आरोपी व्यक्तियों को संरक्षण देते रहे हैं।

मंत्री रावत ने अजमेर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हाल ही की एक घटना का उल्लेख किया, जिसमें डोटासरा के विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ में नेछवा थाने के अंतर्गत पटोदा गांव की एक दलित युवती को एक मुस्लिम युवक बहला-फुसला कर ले गया था। रावत ने कहा कि ऐसी घटनाओं से प्रतीत होता है कि कांग्रेस ने धर्मांतरण को बढ़ावा देने का वातावरण तैयार किया था।

उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार धर्मांतरण के मामलों पर कड़ी कार्रवाई करेगी। रावत के अनुसार, मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पारित किया गया है और सरकार ने जहां भी जबरन धर्म परिवर्तन की शिकायतें मिली हैं, वहां त्वरित कार्रवाई की है।

मंत्री ने कहा कि धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, और ऐसी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों को या तो जेल जाना होगा या राज्य छोड़ना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई भी की जाएगी।

धर्मांतरण मामलों में सजा के प्रावधान

  • अवैध धर्मांतरण पर 7 से 14 वर्ष तक कारावास और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना।
  • नाबालिग, दिव्यांग, महिला, एससी/एसटी पीड़ित के खिलाफ अपराध पर 10 से 20 वर्ष तक कारावास और न्यूनतम 10 लाख रुपये जुर्माना।
  • सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में न्यूनतम 20 वर्ष की सजा और 25 लाख रुपये तक का जुर्माना।

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