Seema Pal
Milkipur By Election : समाजवादी पार्टी (SP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व जिलाध्यक्ष को पीठासीन अधिकारी बनाए जाने को लेकर विरोध जताया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि रिटर्निंग अधिकारी ने जानबूझकर पिछड़े वर्ग, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित उम्मीदवारों को पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है, जो चुनावी निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है।
सपा ने इस मामले में रिटर्निंग अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और साथ ही साथ तीन थानाध्यक्षों पर भी दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह कदम चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने और जातिगत समीकरणों को साधने का प्रयास है, जो लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ है।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “हमने चुनाव आयोग से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की अपील की है। ऐसे अधिकारियों को हटाया जाए जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।”
इससे पहले, समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी के नेताओं के प्रभाव में आकर चुनाव अधिकारी और पुलिस प्रशासन वोटों की गिनती में असमानता पैदा कर सकते हैं। यह विवाद आगामी चुनावों पर असर डाल सकता है और राजनीतिक माहौल को और गर्म कर सकता है।
सपा का आरोप- भाजपा के अधीन हैं रिटर्निंग ऑफिसर
सपा ने आरोप लगाया, “मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के रिटर्निंग अधिकारी ने भाजपा नेता संजय शुक्ला को पीठासीन अधिकारी बना दिया है। रिटर्निंग अधिकारी द्वारा चिन्हित करके गैर पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है।”
चुनाव आयोग से सपा की मांग
सपा ने मांग की है कि मतदान के दिन पात्र मतदाताओं को मतदान करने से न रोकने, मतदाता पर्ची उपलब्ध कराने, मतदान आरंभ होने से लेकर अंत तक बीएलओ की उपस्थिति अनिवार्य करने, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के पोलिंग एजेंटों को मतदान कक्ष से बाहर नहीं निकलने दिया जाए।
समाजवादी पार्टी ने साफ तौर पर कहा है कि अगर उनकी शिकायतों का समाधान नहीं हुआ, तो वे चुनाव आयोग के पास इस मुद्दे को लेकर और भी बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।