बांदा में आधी रात छापा : अवैध खनन करते मिले 20 ट्रक और 3 पोकलैंड, डीएम ने की सीज़

बांदा। अवैध खनन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही कड़ी निगाह रखने और अवैध खनन करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दे रहे हों लेकिन शातिर खनिज माफिया सारे नियम कायदे कानूनों को ठेंगा दिखाते हुए अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं। पट्‌टा अवधि समाप्त होने के बाद भी खनन माफिया शासन-प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर दिन-रात नदियों का सीना चीरकर लाला सोना लूट रहे हैं। इसकी बानगी शहर सीमा से चंद किलोमीटर दूर भुरेड़ी बालू खदान में देखने को मिली। जिलाधिकारी ने टीम के साथ आधी रात को भुरेड़ी खदान की जांच की। पट्टा की अवधि समाप्त होने के बाद भी डीएम ने खदान में बालू का अवैध खनन होते पाया गया। मौके पर मिले 20 ट्रक और तीन पोकलैंड मशीन सीज कर दी गई। डीएम ने खनिज अधिकारी को पट्टा क्षेत्र में अवैध खनन की जांच कर दो दिन में रिपोर्ट मांगी है।
शासन-प्रशासन के साथ बालू माफियाओं का लुका-छिपी का खेल बदस्तूर जारी है। लाख कोशिशों के बाद भी मुख्यमंत्री से लेकर जिले के आलाधिकारी तमाम सख्ती के बाद भी जिले में अवैध खनन रोकने में नाकाम हैं। जिलाधिकारी जे.रीभा ने खनिज अधिकारी राज रंजन सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बुधवार को सुबह नौ बजे सदर तहसील क्षेत्र के भूरागढ़ गांव के नजदीक संचालित भुरेड़ी बालू खदान पहुंचकर जांच की। पाया कि खदान का पट्टा 16 दिसंबर 2024 से 17 जून 2025 के लिए किया गया था। 17 जून की 12 बजे रात्रि के बाद किया गया खनन अवैध है। मौके पर पट्‌टाधारक द्वारा केन नदी से अवैध खनन करता पाया गया। करीब बालू भरे 20 ओवरलोड ट्रक खड़े मिले। साथ ही तीन पोकलैंड व जेसीबी भी खनन करते पकड़ी गईं। डीएम के निर्देश पर अवैध खनन में पकड़े ट्रक व अन्य वाहनों को सीजकर मटौंध थाने में खड़ा कराया गया है। डीएम ने खनन पट्टा क्षेत्र से बाहर और नियम विरुद्ध पट्टा क्षेत्र के अंदर किए गए खनन की जांच के निर्देश खनिज अधिकारी को दिए। कहा कि जांच कर दो दिन में रिपोर्ट दें। अधिकारियों के मुताबिक पट्टाधारक ने खनन क्षेत्र सीमा के बाहर बड़े पैमाने पर खनन किया है। उस पर करीब दो से ढाई करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

30 जून से तीन माह तक नदियों की बंद रहेंगी बालू खदानें
बरसात की आहट शुरू हो गई है। बारिश के दिनों में जिले की सभी नदियों से बालू का खनन तीन महीने के लिए बंद कर दिया जाएगा। 30 जून से 30 सितंबर तक किसी भी नदियों में बालू का खनन पूरी तरह से बंद रहेगा। पहली अक्टूबर के बाद सरकारी रूप से बालू का उठाव होगा। हालांकि पिछले साल नदियों में बाढ़ के दौरान बहकर आई बालू से पट्‌टाधारकों के साथ शासन व प्रशासन को ने जमकर चांदी काटी। उधर, मासूसन सत्र के दौरान प्रशासन ने बालू की किल्लत खत्म करने के लिए भंडारण प्रक्रिया पर तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है।

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