नई दिल्ली । दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की आउटेज का असर आज भी फ्लाइट ऑपरेशन पर दिख रहा है। दुनियाभर में शुक्रवार को चार हजार से ज्यादा विमानों का परिचालन रद्द हुआ था। एक्सपर्ट का मानना है कि सिस्टम पूरी तरह ठीक होने में कुछ समय लग सकता है।
एक्सपर्ट ने शनिवार को बताया कि दुनिया भर में माइक्रोसॉफ्ट में क्राउडस्ट्राइक अपडेट के कारण कंप्यूटर सिस्टम प्रभावित होने के बाद अब बिजनेस और सर्विसेज धीरे-धीरे ठीक हो रही हैं। हालांकि, अभी भी विमानों के परिचालन में दिक्कतें आ रही है। हालांकि, भारत में इसका व्यापक असर विमान सेवाओं के अलावा किसी अन्य सेक्टर पर नहीं दिखा। मारुति सुजुकी लिमिटेड का उत्पादन कुछ देर के लिए प्रभावित हुआ, लेकिन बैंकिंग और शेयर बाजार इससे अछूता रहा।
माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में खराबी आने से शुक्रवार को देश और दुनिया के अधिकांश देशों की कई सर्विसेज लगभग ठप हो गई थी। अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, स्पेन, सिंगापुर, इजरायल, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग समेत कई देशों में माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में खराबी की वजह से लोग परेशान रहे। क्राउडस्ट्राइक की ओर से माइक्रोसॉफ्ट विंडोज यूजर्स को दिए गए एक सॉफ्टवेयर अपडेट के कारण यह दिक्कत आई थी। इससे माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले दुनिया के करोड़ों सिस्टम की स्क्रीन नीली हो गई और कंप्यूटर ऑटोमेटिक स्टॉर्ट होने लगा।
दुनियाभर में एयरपोर्ट, फ्लाइट, ट्रेनें, हॉस्पिटल, बैंक, रेस्तरां, डिजिटल पेमेंट, स्टॉक एक्सचेंज, टीवी चैनल से लेकर सुपर मार्केट जैसी जरूरी सेवाएं रुक गईं। उल्लेखनीय है कि क्राउडस्ट्राइक के अपडेट होने की वजह से माइक्रोसॉफ्ट के एज्योर क्लाउड और माइक्रोसॉफ्ट 365 सर्विसेज में परेशानी आई है। इस आउटेज के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने जारी एक बयान में कहा कि यह एक “थर्ड पार्टी इश्यू” है। दूसरे शब्दों में कहे तो, ये उसकी गलती नहीं थी। माइक्रोसॉफ्ट के पास समस्या से निजात पाने का कोई ‘प्लान बी’ तैयार नहीं था। वह, इंतजार करती रही कि खुद साइबर सिक्योरिटी फर्म इसे दूर करेगी। इसकी वजह से देश और दुनिया की अधिकाशं सेवाओं पर व्यापक असर देखने को मिल रहा है।