
मेरठ। मानवता का परिचय देते हुए सत्यार्थी मूवमेंट फॉर ग्लोबल कम्पैशन की टीम और स्थानीय युवाओं ने एक मानसिक रूप से बीमार किशोर को उसके परिजनों से मिलवाने का सराहनीय कार्य किया।
थाना सरूरपुर क्षेत्र के नारंगपुर से करनावल घूमने जा रहे कुछ युवाओं को रास्ते में गन्ने के खेत के पास एक 16 वर्षीय किशोर अकेला और रोता हुआ मिला। उसकी हालत बेहद दयनीय थी और वह बोलने में असमर्थ था। युवाओं ने तुरंत इस बात की जानकारी टीम के सक्रिय सदस्य विजय पांचाल उर्फ बिट्टू को दी। सूचना मिलते ही करुणामय युवा मंडल नारगपुर के अध्यक्ष उस्मान व अजय कुमार मौके पर पहुंचे। दोनों ने किशोर को अपने साथ घर लाकर उसे भोजन कराया। भोजन करने के बाद किशोर धीरे-धीरे शांत हो गया और रोना बंद कर दिया।
किशोर की पहचान के लिए उसकी तस्वीर और जानकारी विभिन्न सोशल ग्रुपों पर साझा की गई। इसका परिणाम यह हुआ कि कुछ ही घंटों में बच्चे के परिजन तक खबर पहुंच गई। उसके मामा का पुत्र हिमांशु व भाई विकास तत्काल वहां पहुंचे। बाद में बिनौली थाना पुलिस से संपर्क किया गया। हेड कांस्टेबल रविंद्र गुर्जर एवं हेड कांस्टेबल निलेश की मौजूदगी में बच्चे को उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया।
खोए हुए इस किशोर का नाम प्रिंस है। उसके पिता का नाम बबलू एवं माता का नाम रमादेवी निवासी बिनौली जनपद बागपत है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सामाजिक संगठन, सजग युवा और पुलिस मिलकर यदि तत्परता से काम करें, तो किसी भी असहाय या खोए हुए व्यक्ति को सुरक्षित उसके घर तक पहुंचाया जा सकता है।