
मेरठ। विकास भवन सभागार में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आपातकाल दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों व उनके आश्रितों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आपातकाल पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया, इसके अलावा सामूहिक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, जिसमें लोकतंत्र की रक्षा और संविधान के प्रति निष्ठा का संकल्प लिया गया।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी ने लोकतंत्र सेनानियों व उनके आश्रितों क्रमशः सतीश, राकेश शर्मा, कृष्णकान्त, प्रदीप जैन, सतेन्द्र, कुंवरजीत, राकेश, राधेश्याम, हरिशचन्द्र, राजेश गुप्ता आदि को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानी व उनके आश्रितों ने अपने-अपने अनुभव व्यक्त किए।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक ऐसा काला अध्याय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता, लोकतंत्र के मूल्यों को तार-तार करते हुए संविधान की हत्या की गई। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान जिन लोगों ने अपनी आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कीमत पर देश के लोकतंत्र को बचाने में योगदान दिया, वह अतुलनीय है। उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के साहस और बलिदान को नमन करते हुए कहा कि युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस अवसर पर महापौर हरिकान्त अहलूवालिया, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी, जिलाधिकारी डा. वीके सिंह, मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल, अपर जिलाधिकारी नगर बृजेश सिंह, पीडीडीआरडीए सुनील कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी और लोकतंत्र सेनानी व उनके आश्रित उपस्थित रहे।