
मेरठ। नालों की सफाई नहीं होने के कारण बुधवार को भारी बारिश के चलते पूरा शहर जलमग्न हो गया। नगर निगम कार्यालय में बने आईटीएमएस और कंट्रोल रूम का निरीक्षण करने पहुंचे कमिश्नर हृषिकेश भास्कर यशोद को पानी में उतरकर जूते पहनने पड़े। वहीं, डीएम डॉ. वीके सिंह ने भी गंदे पानी में जाकर स्थिति का जायजा लिया।
करीब दो घंटे तक, डीएम ने करीब दो फीट पानी में चलकर बच्चा पार्क, ईव्ज चौराहा और अन्य कई स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने नगर निगम से मशीन मंगवाकर बच्चा पार्क और इंदिरा चौक के नाले साफ कराए। शिवरात्रि पर बुढ़ाना गेट स्थित मंदिर में कांवड़ियों को जलाभिषेक करने के लिए दो-दो फीट पानी से गुजरना पड़ा, इसलिए अधिकारी निरीक्षण के लिए निकले।
बुधवार से शुरू हुई भारी बारिश के कारण बुढ़ाना गेट, ईव्ज चौराहा, इंदिरा चौक, बच्चा पार्क, खैरनगर, माधवपुरम सहित शहर के अधिकांश इलाकों में जलभराव हो गया। मुख्य बाजार और कॉलोनियों में दो से तीन फीट तक पानी जमा हो गया। करीब दो लाख की आबादी वाले इलाके का गंदा पानी नाले में जाता है, लेकिन दोनों नाले जाम हो गए, जिसके चलते घरों और मुख्य मार्गों पर गंदा पानी फैल गया।
गंदे पानी में कांवड़ियों को देखकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। वार्ड-47 के भाजपा पार्षद कुलदीप वाल्मीकि और संदीप रेवड़ी ने नगर निगम अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। सोशल मीडिया पर जलभराव से संबंधित वीडियो भी वायरल होने लगे। पार्षदों ने राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी को भी इस समस्या की शिकायत की। इसके बाद, डीएम वीके सिंह ने नगर आयुक्त सौरभ गंगवार, एडीएम बृजेश सिंह, अपर नगर आयुक्त और निगम की टीम के साथ निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि बच्चा पार्क और इंदिरा चौक पर नाले जाम थे, जिससे जल निकासी नहीं हो पा रही थी। दोनों स्थानों का सफाई अभियान चलाया गया, जिससे जल निकासी फिर शुरू हो गई।
करीब दो घंटे तक भारी बारिश में अधिकारियों ने निरीक्षण किया। सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों और वीडियो को वायरल किया गया, जिसमें लोगों ने निगम की लापरवाही पर कमेंट किए। कमिश्नर और अधिकारीगण निरीक्षण के दौरान, जलभराव की समस्या के लिए निगम की कार्यशैली को दोषी माना।
एक महीने पहले, प्रमुख नगर विकास सचिव मेरठ पहुंचे थे और नालों का निरीक्षण किया था। मोहनपुरी नाले में घास और पेड़ होने पर नाराजगी जताई गई थी। इसके बाद, निगम ने नाले सफाई अभियान शुरू किया। डीएम के निरीक्षण के दौरान, जब अधिकारी दो घंटे से अधिक समय तक पानी में मौजूद रहे, तब जाकर जलभराव की स्थिति में सुधार हुआ।
कमिश्नर ने भी इस स्थिति को लेकर नाराजगी व्यक्त की, और निरीक्षण के दौरान मौजूद अधिकारियों से नाराजगी जताई। डीएम वीके सिंह ने कहा कि जलभराव की शिकायत पर कार्रवाई की गई
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