
Meerut : बुधवार को कलक्ट्रेट में किसान दिवस का आयोजन किया गया। बैठक में जिलाधिकारी अनुपस्थित रहे, जिसके चलते मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल की अध्यक्षता में यह सभा सम्पन्न हुई। सभी विभागों के अधिकारी समय से पहुंच गए थे, लेकिन डीएम के न आने से किसान नाराज़ हो गए। हालांकि सीडीओ मौजूद थीं, जिन्होंने भाकियू नेताओं से उनकी मांगों का ज्ञापन लिया।
भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी दर्जनों किसानों के साथ किसान दिवस में सबसे पहले पहुंचे। किसान दिवस का समय पूर्व की भांति दोपहर 12 बजे करने की मांग उठाई गई। मुख्य विकास अधिकारी ने समय 12 बजे करने का निर्णय लिया। इसके बाद समितियों पर 4% अतिरिक्त ब्याज लेने और सब्सिडी खाते में भेजे जाने से संबंधित आश्वासन पर भी चर्चा हुई, लेकिन डीएम के न पहुंचने से विवाद पैदा हो गया। सहायक निबंधक ने केंद्र सरकार का प्रकरण बताते हुए जल्द ही पूर्व सत्र के 4% ब्याज सब्सिडी दिलाने और इस सत्र में अप्रैल माह से 3% ब्याज ही लेने का वादा किया।
गन्ना मिलों द्वारा भाड़ा बढ़ाए जाने पर किसानों ने आपत्ति दर्ज की और जल्द सुधार न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। पिछले माह की 23 समस्याओं के निस्तारण पर चर्चा की गई, जिनमें से 5 समस्याओं को पुनः दोहराते हुए सही समाधान की मांग की गई। लहरा ग्राम के नाले की सफाई न होने पर किसान भड़क गए।
किसान दिवस में भाकियू जिलाध्यक्ष द्वारा गन्ना भुगतान प्रारंभ कराने, गन्ना तोल केंद्रों पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, घतटोली सिंचाई, बिजली, तहसील आदि की तीन दर्जन समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया। समस्याओं के सही निस्तारण न होने और जिलाधिकारी के मीटिंग में न पहुंचने पर नाराज़गी जताई गई। जिलाध्यक्ष ने अगले सप्ताह डीएम कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी। 15 सूत्रीय मांग पत्र मुख्य विकास अधिकारी नूपुर शर्मा को सौंपा गया।
इस दौरान विनय, वीरेंद्र, कृष्णपाल, जुनेद, विनय, रविंद्र, भोपाल, सुरेंद्र, रामपाल, सत्येंद्र आदि मौजूद रहे।










