मेरठ : भूनी टोल प्लाजा बवाल, 180 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज, क्षेत्र में हड़कंप

सरूरपुर,मेरठ : थाना क्षेत्र स्थित भूनी टोल प्लाजा 17 और 18 अगस्त 2025 को दो दिनों तक रणभूमि बना रहा। सैकड़ों ग्रामीणों ने न सिर्फ टोल प्लाजा पर धावा बोला बल्कि नेशनल हाईवे पर घंटों जाम लगाकर प्रशासन को चुनौती दी। मामला बढ़ा तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर 180 अज्ञात लोगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 180 अज्ञात लोगों पर लिखे गए मुकदमे की वजह से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

कैसे भड़का बवाल

17 अगस्त की रात करीब 8 बजे भूनी टोल प्लाजा पर सेना के जवान कपिल राजपूत से टोल क्रॉसिंग को लेकर कर्मचारियों की कहासुनी शुरू हुई। जिसके बाद सेना के जवान को टोलकर्मियों ने खंबे से बांधकर बेरहमी से पीटा। इसके बाद देर रात सेना के जवान की पिटाई के विरोध में टोल प्लाजा भूनी पर धीरे-धीरे भीड़ जमा होने लगी और नारेबाजी की गई। अगले दिन 18 अगस्त को सुबह से ही टोल प्लाजा पर भीड़ इकट्ठा होना शुरू हो गई और दोपहर तक मामला बवाल में बदल गया। ग्रामीणों ने टोल से होकर जाने वाले वाहनों को रोका, सड़क जाम कर दी और प्लाजा गेट पर धरना दे दिया। टोल प्रबंधन ने समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ आक्रामक हो गई। देखते ही देखते बैरियर, टोल केबिन, कंप्यूटर सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, रीडिंग सेंसर, डिस्पेंसर मशीनें और कई अहम उपकरण तोड़ डाले गए।

पुलिस मना करती रही, भीड़ नहीं मानी

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जब भीड़ को रोकने की कोशिश की गई तो उग्र लोगों ने पुलिस की बात नहीं मानी और हंगामा जारी रखा। टोल की लाइन 1 से 8 तक सभी मशीनें क्षतिग्रस्त कर दी गईं। इससे टोल संचालन पूरी तरह ठप हो गया।

सरकार को लाखों का नुकसान

एफआईआर में दर्ज विवरण के अनुसार, तोड़फोड़ से राज्य सरकार को लाखों रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ। कई घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित रहा, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी और लोग जाम में फंसे रहे।

एफआईआर दर्ज : 7 धाराओं में केस

सरूरपुर थाना प्रभारी अजय शुक्ला ने बताया कि मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएसएस) की धारा 115(2), 126(2), 223, 190, 191(2), 191(3) तथा सार्वजनिक संपत्ति नुक़सान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल साक्ष्यों की मदद से आरोपियों की पहचान कर जल्द गिरफ्तारी अभियान चलाया जाएगा।

एनएचएआई ने एजेंसी पर 20 लाख का जुर्माना लगाया

घटना से पहले ही टोल प्लाजा संचालन को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई थी। जानकारी के अनुसार 19 अगस्त तक प्लाजा पर कोई स्टाफ तैनात नहीं था और एजेंसी संचालन बहाल करने में विफल रही। इस असफल प्रबंधन को लेकर एनएचएआई ने एजेंसी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और 15 जनवरी 2025 का अनुबंध समाप्त कर नई कंपनी के नाम टेंडर जारी किया।

पुलिस की सख्ती, सुरक्षा बढ़ाई गई

घटना के बाद टोल प्लाजा पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों की पहचान कर उन्हें जल्द जेल भेजा जाएगा।

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