शिव प्रकाश शर्मा
मथुरा। वृंदावन में चल रहे साइंस डिवाइन फाउंडेशन का तीन दिवसीय आवासीय ध्यान साधना शिविर शुक्रवार को वृंदावन स्थित साक्षी धाम इंटरनेशल में शुरू हुआ। शिविर के उद्घाटन के अवसर पर देश भर से आए सैकड़ों साधकों को संबोधित करते हुए फाउंडेशन के संस्थापक व मार्गदर्शक साक्षी श्री ने कहा कि ध्यान ही मनुष्य के जागरण की कुंजी है। यही वह एकमात्र रास्ता है जिसके माध्यम से व्यक्ति शरीर के तल से उपर उठकर अपने अंदर छिपे देवत्व को देख सकता है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य आज कामनाओं के जाल में फंस कर अपनी सुख शांति गंवा बैठा है। इनमें बहुत सी कामनाएं तो ऐसी होती हैं जिनके बारे में हमें खुद नहीं पता कि ये हमारे लिए शुभ हैं या अशुभ। कामनाओं के इस जाल को काटना और सतचित आनंद की स्थिति को प्राप्त होने का नाम ही ध्यान है। उन्होंने कहा, एक गलत धारणा यह है कि ध्यान सिर्फ उन्हीं के लिए है जो जीवन में आध्यात्मिक उन्नति के आकांक्षी हैं। वास्तविकता यह है कि भौतिक सफलताओं के लिए भी यह अत्यंत उपयोगी है। मनुष्य का दिमाग अनंत शक्तियों का स्रोत है। परंतु अज्ञानतावश हम इन शक्तियों से अनभिज्ञ हैं। ध्यान इन अनंत शक्तियों से साक्षात्कार की कुंजी है। आप इसका जीवन में भौतिक सफलताओं के लिए भी उपयोग कर सकते हैं। शिविर के उद्घाटन समारोह में वृन्दावन क्षेत्र से आए हुए कुछ रसिक कलाकारों ने राधा कृष्ण के चरित्रों को संगीतमय भावपूर्ण प्रस्तुति दे कर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तीन दिन तक चलने वाले इस शिविर के दौरान साक्षी श्री साधकों को ध्यान की महाविधि संजीवनी क्रिया के अलावा जीवन में मनचाही सफलताएं प्राप्त करने के लिए सिद्ध कामना क्रिया, जन्म जन्मांतरों के संस्कारों के मैल को काटने के लिए अंतरशुद्धि क्रिया तथा एकाग्रता बढ़ाने के लिए महामेधा क्रिया जैसी ध्यान की विभिन्न विधियों का अभ्यास भी कराएंगे। साथ ही, ध्यान सत्र के बाद वे साधकों की सांसारिक एवं आध्यात्मिक समस्याओं से जुड़े प्रश्नों के उत्तर भी देंगे।
संतुलित जीवन के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में साक्षी श्री ने कहा कि, “एक सुखी व
संतुष्ट जीवन के लिए भौतिकता व आध्यात्मिकता में संतुलन आवश्यक है। इस संतुलन को
तीन महामंत्रों की सहायता से प्राप्त किया जा सकता है। ये महामंत्र हैंय विचार शक्ति के प्रयोग का विज्ञान, विचारशून्यता का विज्ञान और सदैव आनंदित रहने का विज्ञान।“ उन्होंने कहा, “फाउंडेशन की स्थापना के पीछे शुरू से ही हमारा ध्येय था कि इन तीन महामंत्रों को जनजन तक पहुंचाया जाए ताकि प्रत्येक व्यक्ति इन महामंत्रों के
माध्यम से जीवन में भौतिक सफलताएं प्राप्त करते हुए आत्मसाक्षात्कार के परम लक्ष्य को उपलब्ध हो सके।“ शिविर का समापन 17 अप्रैल को होगा।
साइंस डिवाइन फाउंडेशन के बारे में साइंस डिवाइन फाउंडेशन की स्थापना के
पीछे साक्षी श्री का उद्देश्य आध्यात्मिकता, आत्म साक्षात्कार, और ध्यान को जन-जन तक ले जाना है। यह संगठन एक नई मानवता का निर्माण करने के लिए प्रयत्नशील है जिसकी जड़ें ध्यान में हो। फाउंडेशन लोगों को सांसारिक सुख सुविधाओं का त्याग किए बिना सुख और शांति से भरा जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है। साक्षी श्री ने इस संगठन की स्थापना मनुष्यता को कर्मकांडों से छुटकारा दिलाकर ध्यान के जरिए आत्मज्ञान की ओर उन्मुख करने के लिए की है। साइंस डिवाइन ध्यान के प्रसार के अलावा समाज कल्याणकारी गतिविधियों में भी संलग्न है और झुग्गी बस्तियों के वंचित बच्चों की मदद करने के लिए काम कर रहा है।