
लखनऊ। वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर अंतरिम राहत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाई। अब इस अंतरिम आदेश पर ईदगाह इमाम और एआईएमपीएलबी के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने वीडियो जारी कर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश का स्वागत करते हैं। उम्मीद है कि जब सुप्रीम कोर्ट का फाइनल फैसला आएगा, तब पूरी राहत मिलेगी।
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हम लोगों की मांग थी कि पूरे अधिनियम पर रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया। लेकिन कोर्ट ने कई प्रावधानों पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि अंतरिम आदेश में कुछ प्रावधानों पर रोक का स्वागत करते हैं, जैसे कि जो व्यक्ति वक्फ बनाना चाहता है, उसे कम से कम 5 साल तक प्रैक्टिसिंग मुस्लिम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि धारा 3 और 4 पर रोक एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने कहा कि सीईओ मुस्लिम समुदाय से होना चाहिए।
उधर, बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने सुप्रीम के अंतरिम आदेश का स्वागत और समर्थन किया है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट से इस तरह के फैसले की उम्मीद थी। अब वक्फ की जमीनों पर भू माफिया के कब्जे हटेंगे। उससे होने वाली आमदनी गरीब और कमजोर मुसलमानों के उत्थान के लिए खर्च की जाएगी। वहीं अंतरिम आदेश पर उलेमाओं ने संतोष जताया। वक्फ बोर्ड का सीईओ मुस्लिम ही होगा एवं अन्य कई चीजों पर स्टे पर उलेमा खुश हैं।