मथुरा : गोवर्धन ड्रेन में फैली जलकुंभी से जानवरों पर संकट, ग्रामीणों में आक्रोश

फरह,मथुरा : क्षेत्र के पींगरी गांव से होकर गुजरने वाले गोवर्धन ड्रेन में फैली जलकुंभी अब जानवरों की जान पर भी भारी पड़ रही है। शनिवार देर रात गांव के किसान बीपी सिंह पुत्र कैलाशी की एक भैंस जलकुंभी के जाल में फंसकर घंटों तड़पती रही और अंततः उसकी मौत हो गई। इस घटना से पूरे गांव में आक्रोश और भय का माहौल है।

ग्रामीणों के अनुसार, भैंस पानी पीने के लिए नाले की ओर गई थी, लेकिन घनी जलकुंभी और कीचड़ में फंस गई। ग्रामीणों ने घंटों मशक्कत की, मगर उसे बाहर निकालना असंभव हो गया। आखिरकार भैंस की मौत हो गई।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जलकुंभी की समस्या को लेकर कई बार अखबारों में खबरें प्रकाशित हुईं और शिकायतें भी दर्ज कराई गईं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि जन-स्वास्थ्य, सिंचाई व्यवस्था, पशुधन और पुल की संरचना सभी खतरे में पड़ गए हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि जलकुंभी तेजी से फैलने वाला जलीय पौधा है, जो पानी की सतह को ढक देता है। इससे जल प्रवाह रुक जाता है, ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और मछलियों समेत अन्य जीव-जंतुओं का जीवन प्रभावित होता है। वहीं, लगातार जड़ जमाने के कारण पुल की मजबूती भी कमजोर हो सकती है।

ग्रामीणों की प्रमुख मांगें

प्रशासन से तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जाए।

जलकुंभी की सफाई हेतु विशेष अभियान चलाया जाए।

ड्रेन पर बने पुल की इंजीनियरिंग जांच कराई जाए।

पशु मालिक बीपी सिंह को उचित मुआवजा दिया जाए।

स्थानीय निवासी लक्ष्मीकांत पाराशर, हरपाल सिंह, विष्णु सिंह, रौतान सिंह, दिनेश आदि ने कहा कि जब तक प्रशासन सक्रिय होकर प्रभावी कदम नहीं उठाएगा, तब तक नाले में जलकुंभी का संकट बढ़ता ही जाएगा और आगे नई दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति भी हो सकती है।

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