
वृंदावन, Mathura: यमुना के रौद्र रूप से बृज क्षेत्र के कई घाट और कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं। इससे पहले कि कालिंदी और यमुना अपना रूप उग्र कर लें, उन्हें शांत करने के लिए वृंदावन में पूजन अर्चन शुरू हो गया।
साधु-संत मां यमुना को शांत करने के लिए पूजन-अर्चन कर रहे हैं। नाभा पीठ सुदामा कुटी के पीठाधीश्वर सुतीक्ष्ण दास महाराज के पावन सानिध्य में संत और भक्तों ने मिलकर मां यमुना की पूजा की और उनकी आरती उतारकर अभिवादन किया। सुतीक्ष्ण दास ने मां यमुना से आमजन का कल्याण करने की कामना की और आवाहन किया कि हे मां, आप अपना रौद्र रूप समेटकर अपने भक्तों का कल्याण करें।
केवल मथुरा ही नहीं बल्कि भगवान कृष्ण की क्रीड़ा स्थली वृंदावन भी यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ से ग्रसित है। आम दिनों में श्रद्धालु परिक्रमा मार्ग पर 12 किलोमीटर पैदल चलकर बांके बिहारी के दर्शन करते थे, लेकिन अब परिक्रमा मार्ग पर ही बाढ़ का पानी आ गया है।
हालांकि, जलभराव के बाद भी कुछ श्रद्धालु अपने नित्य नियम को सुचारू रखते हुए वृंदावन धाम की परिक्रमा अभी भी पानी के बीच से करते हुए दर्शन के लिए जा रहे हैं। यमुना के उफान से वृंदावन के ज्ञानगुदड़ी, सुदामा कुटी, बंसीवट कालिदह, जगन्नाथ घाट, श्यामकुटी, राजपुर आदि स्थानों पर बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है, जिससे लोगों में भय व्याप्त है। अब तो वृंदावन की गलियों में नाव भी चलने लगी है। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से सड़कों पर 3–4 फीट तक पानी भर गया है।
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