Mathura : फर्जी एनकाउंटर में फंसी पुलिस, एफआईआर के आदेश

  • तत्कालीन सादाबाद कोतवाली प्रभारी समेत 15 पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगी प्राथमिकी
  • मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फरह थाना प्रभारी को दिए प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश
  • एसओजी प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मियों पर फर्जी केस में फंसाने का है आरोप

Mathura : मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पीड़ित युवक के पिता के प्रार्थना पत्र पर स्थानीय पुलिस को तत्कालीन सादाबाद कोतवाली प्रभारी समेत 15 पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं। मामला थाना क्षेत्र के गांव कौंह निवासी गजेंद्र सिंह के पुत्र हरेंद्र सिंह से जुड़ा है। गजेंद्र सिंह ने धारा 175 (4) के अंतर्गत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में 25 फरवरी को तत्कालीन कोतवाली प्रभारी सत्येंद्र सिंह राघव, एसआई सत्यवीर सिंह, आरक्षी अरविंद कुमार, योगेश, चालक विकास बाबू, एसआई रणजीत सिंह, राधा कृष्ण, सिपाही नीलेश कुमार, धीरज कुमार, मुख्य आरक्षी मनोज कुमार, राजेश कुमार और एसओजी प्रभारी हाथरस धीरज गौतम के अलावा कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराकर विवेचना कराए जाने की याचना करते हुए प्रार्थना पत्र दिया।

गजेंद्र सिंह का कहना है कि इसी वर्ष 25 फरवरी को सुबह करीब चार बजे एसओजी प्रभारी धीरज गौतम और 10-15 पुलिसकर्मी अज्ञात सफेद रंग की रिट्ज कार और कई वाहनों के साथ कस्बा फरह में राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सुजुकी मोटरसाइकिल एजेंसी के पास आए और दीवार फांदकर कर उनके बेटे हरेंद्र के घर में घुस गए। हरेंद्र को उठा लिया, मारते- पीटते हुए गाड़ी में डालकर ले गए। इसी के साथ आरोपित पुलिसकर्मी हरेंद्र और उसकी पत्नी के दो मोबाइल के अलावा 50 हजार रुपये नकद लेकर चले गए, इस दौरान पुत्रवधू से भी बदतमीजी की गई।

मुख्य नायक मजिस्ट्रेट उत्सव गौरव राज ने पत्रावली पर 27 नवंबर को सुनवाई करने के बाद प्रभारी निरीक्षक फरह को आरोपितों के खिलाफ उचित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर नियमानुसार विवेचना कराए जाने के निर्देश दिए हैं। बताते चलें कि हरेंद्र सिंह गांव कौंह का प्रधान है।

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