Mathura : टूटी सड़कों और गड्ढों ने तोड़ा श्रद्धालुओं का भरोसा, स्थानीय लोग आक्रोशित

Vrindavan, Mathura : ब्रजभूमि की आस्था और श्रद्धा का केंद्र माने जाने वाले वृंदावन का परिक्रमा मार्ग इस समय बदहाली की मार झेल रहा है। कार्तिक माह के पवित्र अवसर पर पंचकोसीय परिक्रमा में लाखों श्रद्धालु पहुंचे, परंतु मार्ग के जर्जर रास्तों ने श्रद्धालुओं को आहत किया। टूटी सड़कों और रास्तों के गड्ढे श्रद्धालुओं के लिए किसी चुनौती से कम नहीं थे। त्योहार बीत गए, भीड़ भी छंट गई, लेकिन जिम्मेदार अब भी खामोश हैं। त्योहारों के बाद भी संबंधित विभागों के अधिकारी मौन हैं।

समाजसेवियों ने अपने स्तर पर मार्ग सुधारने का प्रयास किया, पर विभागीय उदासीनता ने सब पर पानी फेर दिया। शायद अधिकारी किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे थे। जनता अब विभागीय अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद से जागने का इंतजार कर रही है।

स्थानीय वाशिंदे धीरज शर्मा और भागीरथ शर्मा का कहना है कि जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दौरा हुआ था, तब वृंदावन और ब्रज क्षेत्र को चमकाने की होड़ मच गई थी। सड़कें सजाईं गईं, रंगरोगन हुआ, पर वह सारा “सौंदर्यीकरण” सिर्फ दिखावे तक सीमित रहा। राष्ट्रपति के लौटते ही वही सड़कें फिर धंस गईं और गड्ढों में तब्दील हो गईं।

ललिता बाग, श्याम कुटी, और अन्य प्रमुख स्थलों पर हालात बेहद खराब हैं। साधु-संत ब्रह्म मुहूर्त में परिक्रमा के लिए निकलते हैं तो उन्हें जर्जर सड़कों से गुजरने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है। लेकिन विभागीय अधिकारियों को कोई सरोकार नहीं है। इससे स्थानीय लोग खासे आक्रोशित हैं।

नटवर का कहना है कि “जब वीआईपी आते हैं तो सड़कें चमकाई जाती हैं, अस्थाई रूप से मरम्मत कर दी जाती है। कुछ समय बाद ही वही सड़कें गड्ढों का जाल बन जाती हैं।

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