
लखनऊ डेस्क: देश की सबसे बड़ी कार कंपनी, मारुति सुजुकी इंडिया ने हाल ही में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार, Maruti eVitara को पेश किया है, जिससे भारतीय कार बाजार में एक नई हलचल मच गई है। इसके साथ ही, Maruti सुजुकी ने भारतीय कार मार्केट में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा है। अब, छोटे वाहनों की तुलना में एसयूवी की मांग और बिक्री तेजी से बढ़ रही है, और इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी लगातार अपने एसयूवी और कॉम्पैक्ट एसयूवी पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के चलते, कंपनी ने अपनी पहली ग्लोबल इलेक्ट्रिक कार, Maruti Suzuki eVitara को भी लॉन्च किया है।
Maruti सुजुकी इंडिया में जापान की सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन की 58.19 प्रतिशत हिस्सेदारी है, और कंपनी का प्रबंधन भी सुजुकी मोटर के हाथ में है। सुजुकी मोटर ने भारत के कार बाजार में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
2030 तक 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी का लक्ष्य
सुजुकी मोटर ने 2029-30 तक भारत में पैसेंजर व्हीकल श्रेणी में 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए, कंपनी एसयूवी और मल्टी पर्पस व्हीकल (एमपीवी) मॉडल पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करेगी और इन श्रेणियों में नए प्रोडक्ट्स पेश करेगी। इन मॉडलों में ग्राहकों की पसंद को प्राथमिकता दी जाएगी। वर्तमान में, मारुति सुजुकी के पास फ्रॉन्क्स, ग्रांड विटारा, ब्रेजा, अर्टिगा, जिम्नी और एक्सएल6 जैसे कई सफल मॉडल हैं। फिलहाल, मारुति सुजुकी भारत में पैसेंजर व्हीकल श्रेणी में 41 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है, जिसे बढ़ाकर 2030 तक 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।
भारत से ग्लोबल एक्सपोर्ट की योजना
सुजुकी मोटर ने अपने मीडियम-टर्म विजन को भी साझा किया है, जिसमें बताया गया है कि कंपनी भारत में कारों का उत्पादन करके इन्हें पश्चिम एशिया और अफ्रीका जैसे वैश्विक बाजारों में भी भेजेगी, और वहां अपने कारोबार का विस्तार करेगी। भारतीय बाजार में अपनी रणनीति के तहत, कंपनी एसयूवी और एमपीवी श्रेणियों में प्रोडक्शन क्षमता और पोर्टफोलियो को मजबूत करेगी। सुजुकी का अनुमान है कि भारत में बढ़ती मांग को पूरा करने और ग्लोबल एक्सपोर्ट के लिए अपनी प्रोडक्शन क्षमता को 40 लाख यूनिट सालाना तक बढ़ाएगी। फिलहाल, उसकी प्रोडक्शन क्षमता लगभग 20 लाख यूनिट की है।