भास्कर समाचार सेवा
मथुरा(वृंदावन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश वा स्वच्छ और साफ सुथरा रखने की कबायद अधिकारियों को रास नहीं आ रही है। जहा एक ओर खुले में शौच न करने की मुहिम के तहत गांव-गांव घर – घर में सरकारी योजना के अन्तर्गत शौचालय बनाए जा रहे है। वही धार्मिक नगरी वृंदावन में करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए सुलभ शौचालय पत्थर के सफेद हाथी नजर आ रहे है। देख-रेख के आभाव में कई तो खंडर में तब्दील हो गए है तो कई अतिक्रमण का शिकार हो चुके है। अगर बात करे ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनाए गए शौचालयों की तो वह कर्मचारी नियुक्त ना होने के कारण पशुओं के लिए आशियाने बन चुके है। कुछ का हाल तो ऐसा है ना तो वहा पानी है और नाही लाइट की सुविधा जो सिर्फ लोगो के लिए सोपिस बने हुए है। जबकि नगर में लगभग दो दर्जन से अधिक शौचालय है, जिनका जिम्मा नगर निगम के साथ साथ कार्यदायी संस्था सुलभ इंटर नेशनल का है। बाबजूद इसके शौचालयों की देखरेख में लापरवाही बरती जा रही है। जिसके कारण आज भी लोग खुले में शौच करते देखे जा सकते है। जिससे ऐसा प्रतीत होता की शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वा सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश वा साफ सुथरा बनाने की मुहिम अधिकारियों वा कर्मचारियों को कोई मायने नहीं देती है।