पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के समय उनके स्मारक के लिए जगह को लेकर उठे विवाद के बीच सरकार ने जमीन खोजने का प्रयास तेज कर दिया है।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार अधिकारियों ने संजय गांधी की समाधि के पास जमीन देखी है। कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमला बोला था कि मनमोहन सिंह की समाधि या स्मारक राजघाट के पास राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर बनाया जाए, जहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक भी स्थित है। वहीं अब चर्चा है कि सरकार की तरफ से मनमोहन सिंह की समाधि संजय गांधी के समाधि स्थल के बगल में बनायी जा सकती है। अगर कोई अड़चन नहीं रही तो यह पक्का माना जा रहा है।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने राजघाट स्थित समाधि स्थलों का निरीक्षण किया था। अधिकारियों ने पीवी नरसिंह राव की समाधि एकता स्थल के पास भी जगह देखी है। निगमबोध घाट के करीब ही संजय गांधी की समाधि स्थल है। संजय गांधी की समाधि स्थल दिल्ली के स्मृति स्थल के पास स्थित है, जिसे निगमबोध घाट के निकट बनाया गया है।
वर्तमान में, राजघाट परिसर में और उसके आसपास 18 स्मारक हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और उप प्रधान मंत्री के स्मारक शामिल हैं। दो अपवाद हैं संजय गांधी और पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की दिवंगत पत्नी ललिता शास्त्री जिनकी स्मारक यहां बनायी गई है। मानदंडों के अनुसार, मनमोहन सिंह का स्मारक राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर बनाया जा सकता है, हालांकि जगह का अंतिम आवंटन केंद्र सरकार ही करेगी।
एकता स्थल के पास निर्धारित क्षेत्र को राष्ट्रपतियों, उपराष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार और स्मारकों के लिए निर्दिष्ट स्थान के रूप में विकसित किया गया था। ऐसा राजधानी में घटते भूमि संसाधनों पर चिंताओं के बाद किया गया था।