डेलिगेशन में ममता बनर्जी की दखल! यूसुफ पठान की जगह जाएंगे अभिषेक बनर्जी, बंगाल में मची हलचल

Yusuf Pathan Replace With Abhishek Banerjee : केंद्र सरकार के देशों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजने के फैसले को लेकर राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों के चयन पर सवाल उठाए हैं, विशेष रूप से यूसुफ पठान के वापस बुलाए जाने के बाद से यह विवाद तेज हो गया है। यह सब उस समय हुआ जब कांग्रेस के नेतृत्व ने केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के दावों का खंडन किया कि सरकार ने विपक्षी दलों से किसी नाम की मांग नहीं की थी।

मामले का मुख्य बिंदु है कि सात देशों की यात्रा करने वाले इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भारत का पक्ष रखना है। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, कोरिया गणराज्य, जापान और सिंगापुर जैसे देशों की यात्राएं शामिल हैं। इन यात्राओं का नेतृत्व जनता दल (यूनाइटेड) के नेता संजय झा कर रहे हैं, जिनमें शामिल थे पूर्व क्रिकेटर और TMC सांसद यूसुफ पठान। हालांकि, अब यूसुफ पठान को इन यात्राओं से हटा दिया गया है।

ममता बनर्जी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। आजकल सिस्टम ऐसा है कि मूल पार्टी को नहीं, बल्कि संसदीय पार्टी को सूचित किया जाता है। यदि हमें सूचित किया गया होता, तो हम इस पर विचार कर सकते थे। हम पूरी तरह से देश के हित में हैं और विदेश से जुड़े मामलों में हमारे विचार स्पष्ट हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ इस तरह के बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का निर्णय पार्टी का ही होता है, केंद्र का नहीं।

वहीं, पश्चिम बंगाल की बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल ने इस पूरे प्रकरण की निंदा की। उन्होंने ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस पर राष्ट्रीय हितों के मुद्दों पर राजनीति करने का आरोप लगाया। पॉल ने कहा, “यह गर्व का विषय है कि देश के विभिन्न दल अपने प्रतिनिधियों को इस महत्वपूर्ण मिशन में भेज रहे हैं। यह मिशन भारत की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत नीति को वैश्विक मंच पर रखने के लिए जरूरी है। तृणमूल कांग्रेस का यह कदम उनकी प्राथमिकताओं को दर्शाता है।”

इसके अतिरिक्त, टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद अभिषेक बनर्जी ने स्पष्ट किया कि प्रतिनिधिमंडल में किस सदस्य को भेजना पार्टी का निर्णय है और केंद्र सरकार को इसे तय करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “केंद्र का फैसला हो या न हो, हम देश के हित में जो भी कदम उठाएंगे, उसके साथ खड़े रहेंगे।”

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