मालेगांव केस में पूर्व इंस्पेक्टर महबूब ने खोली सालों पहली रची गई ‘हिंदू आतंकवाद’ की पोल, जानिए क्या हुआ था?

Malegaon Case : मालेगांव मामले में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व इंस्पेक्टर महबूब ने जो सच बताया वर आपको चैंका कर रख देगा। खुलासे में पता चला है कि परमवीर सिंह ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को उठा ले जाने की मंशा वालों ने हिंदू और सनातन को बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।

महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा हुआ है। महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने सच बताया। मुडालक ने तगा ति मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के ऑर्डर थे। भागवत की गिरफ्तारी का दबाव बनाने का आरोप था।

इसके बाद फर्जी भगवा आतंकी पटकथा का द एंड हो गया है। सात आरोप बाइज्ज बरी कर दिए गए हैं। लेकिन अब जो खुलासे एटीएस के पूर्व इंस्पेक्टर महबूब ने किए वो तत्कालीन सरकार और जांच एजेंसियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। महबूब मुजावर ने कहा कि मुझे आरएसएस प्रमुख को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया। भगवा आतंक को लेकर भागवत की गिरफ्तारी का दबाव बनाया गया।

परमवीर सिंह ने मोहन भागवत को गिरफ्तार करने को कहा। मेरे पास इस दावे के दस्तावेज मौजूद हैं। कोई भगवा आतंकवाद नहीं था। सब कुछ फर्जी था। मैं किसी के पीछे नहीं गया क्योंकि मुझे वास्तविकता पता थी। मोहन भागवत जैसे व्यक्ति को पकड़ना मेरी क्षमता से बाहर था। आदरणीय मोहन भागवत को भी उठा के लाने के लिए आदेश था। मेरे को जो आदेश था वो परमवीर सिंह साहेब का था। उन्होंने मेरे को यह पूरा गवर्नमेंट यंत्रण में से पुलिस कर्मचारी और रिवाल्वर प्रोवाइड किए थे। जब मैंने ऐसा नहीं किया तो मेरे ऊपर उन्होंने एक झूठा गुनाह दाखिल करके मुझे भी जेल भेज दिया।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने वोट की राजनीति के लिए हिंदू टेरर और भगवा आतंकवाद जैसै शब्द तैयार किए जाने का आरोप लगाया है। उस समय की सरकार ने वोट की राजनीति के ले हिंदू आतंकी और भगवा आतंकवाद ये शब्द तैयार किए थे। पूरी हिंदू आतंकवाद की थ्योरी तेयार की गई थी। लोगों को अरेस्ट किया गया।

मुजावर के दावे पर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है। सांसद संबित पात्रा ने गांधी परिवार पर आरोप लगाते हुए मोहन भागवत को झूठे केस में फंसाने की साजिश बताया और भगवा आतंकवाद का नैरेटिव रचने की बात कही। महबूब मुजावर को यह निर्देश दिया गया था कि आप भगवा आतंकवाद के नैरेटिव को आगे बढ़ाइए और किसी भी कीमत पर मोहन भागवत की गिरफ्तारी होनी चाहिए। चार्जशीट में नाम नहीं जांच में कहीं भी मोहन भागवत का कोई लेना देना नहीं। फिर भी गिरफ्तारी के आदेश दिए गए थे।

भाजपा का कहना है कि कांग्रेस इन आरोपों को स्वीकारने के बजाय जवाब देने के बजाय मालेगांव मामले में गवाहों के मुकर का मुद्दा उछाल रहे हैं। जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाए जा रहे हैं। पूर्व एटीएस अधिकारी के अब बयान देने पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।

जानना चाहता है कि विस्फोट तो हुआ तो विस्फोट हुआ, लोग भी मारे गए, मोटरसाइकल भी बरामद हुई, हमले में डायनामाइट भी इस्तेमाल हुआ, फिर हमला किसने किया?

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