जीने की नहीं, मरने की व्यवस्था बना रहे हैं : रवि किशन के बयान पर खेसारी का पलटवार

पटना : भोजपुरी फिल्म स्टार और राजद (RJD) प्रत्याशी खेसारी लाल यादव ने छपरा विधानसभा सीट से चुनावी जंग के बीच भाजपा सांसद रवि किशन के बयान पर तीखा पलटवार किया है। छठ महापर्व के अवसर पर संबोधन के दौरान उन्होंने भाजपा पर धर्म के नाम पर राजनीति करने और समाज में वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया। खेसारी ने कहा कि वे धर्म के विरोधी नहीं हैं, बल्कि वोट पाने के लिए धर्म का इस्तेमाल करने की राजनीति का विरोध करते हैं।

रवि किशन पर सीधा हमला

रवि किशन के हालिया बयान – “भाई भी अगर अधर्मी हो जाएगा, तो उस पर भी तीर चलेगा” – पर प्रतिक्रिया देते हुए खेसारी लाल यादव ने कहा, “रवि भइया के बात पर कुछ कहिए मत… वो जीने के लिए कुछ बनाते नहीं, मरने के लिए बनाते हैं। उन्होंने कहा था कि गोरखपुर में मरोगे तो स्वर्ग जाओगे। अब जीते जी तो कुछ देंगे नहीं, मरने के बाद की व्यवस्था उनकी पक्की है।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके ऐसे बयानों पर मुस्कुरा देते हैं क्योंकि “उन्हें भी पता है कि ये सब मजाक चल रहा है।”

धर्म नहीं, लेकिन राजनीति में धर्म का विरोध

राजद प्रत्याशी ने कहा कि वे मंदिर या धार्मिक आस्था के विरोधी नहीं हैं, लेकिन इसके नाम पर वोट मांगने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, “मैं धार्मिक व्यक्ति हूं, लेकिन मैं धर्म को राजनीति का माध्यम नहीं बनाना चाहता। मंदिर बनने का विरोध नहीं, लेकिन मंदिर के साथ कॉलेज और अस्पताल भी बनने चाहिए। केवल मंदिर से रोज़गार नहीं मिलेगा, भूखे पेट भजन नहीं हो सकता।”

विधायक के बयान पर पलटवार

छपरा विधायक सीएन गुप्ता द्वारा “बैल बुद्धि” कहे जाने पर खेसारी ने कहा कि “अगर समाज और जनता के लिए काम करना बैल बुद्धि कहलाता है, तो मैं गर्व से बैल बुद्धि हूं।” उन्होंने विधायक से सवाल किया कि “आपको जनता ने दस साल दिए, आपने छपरा के लिए क्या किया? एक बच्चा दस साल में बड़ा हो जाता है, लेकिन छपरा आज भी वहीं का वहीं है।”

छठ घाट कार्यक्रम रद्द किया

उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और सुरक्षा कारणों से उन्होंने छठ घाटों पर जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया, ताकि किसी को असुविधा न हो।
साथ ही, चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच हालिया मेलजोल को उन्होंने सकारात्मक बताया और कहा कि “व्यक्तिगत संबंध और राजनीति, दोनों को अलग रखना ही समझदारी है।”

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