
लखनऊ। ऊर्जा निगमों में आपातकाल लगाकर पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन निजीकरण का टेंडर निकालने की साजिश रच रहा है। निजीकरण के किसी भी टेंडर के पहले संघर्ष समिति ने सवाल किया है कि किस स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के आधार पर निजीकरण किया जा रहा है उसे सार्वजनिक किया जाय। जेल भरो आंदोलन शुरू करने की तैयारी में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आम सभा हुई।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि बड़े पैमाने पर उत्पीड़न और दमन कर ऊर्जा निगमों में आपातकाल लगाकर प्रबन्धन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के टेंडर जारी करने की कोशिश में है। बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता पूरी तरह सतर्क हैं और प्रबन्धन की ऐसी किसी भी साजिश का करारा जवाब दिया जाएगा। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार टेंडर जारी होते ही बिजली कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता किसानों तथा गरीब व मध्यमवर्गीय घरेलू उपभोक्ताओं के साथ मिलकर सामूहिक जेल भरो आंदोलन शुरू कर देंगे जिससे उत्पन्न किसी भी स्थिति की सारी जिम्मेदारी प्रबन्धन की होगी। पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन को निजीकरण के टेंडर जारी करने के पहले इस डॉक्यूमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए। लाखों करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों को किसी गोपनीय दस्तावेज के आधार पर नहीं बेचा जा सकता है।सितम्बर 2020 में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के लिए एक स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का ड्राफ्ट जारी कर इस पर सभी स्टेक होल्डर्स के कमेंट्स मांगे थे। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने इस ड्राफ्ट पर आपत्ति दर्ज की थी। भारत सरकार ने सितम्बर 2020 के स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट को आज तक फाइनल नहीं किया है। भारत सरकार ने इसे वापस भी नहीं लिया है।