
उधम सिंह नगर : उधम सिंह नगर में नशामुक्त भारत अभियान की पृष्ठभूमि में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। काशीपुर पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने यूपी के एक युवक को गिरफ्तार कर उसके पास से लाखों रुपये की कंट्रोल्ड ड्रग्स बरामद की हैं। यह कार्रवाई उसी समय सामने आई है, जब दो दिन पहले ही पूरे देश में नशामुक्त भारत अभियान की 5वीं वर्षगांठ मनाई गई थी। देहरादून में सीएम धामी ने नशे को ‘साइलेंट वॉर’ बताते हुए इसके खतरों पर चेताया था।
8 लाख की अवैध दवाएं बरामद, तस्कर गिरफ्तार
पुलिस ने मुरादाबाद निवासी आरोपी दीपक ठाकुर को स्कूटी सहित हिरासत में लिया। जांच में उसकी गाड़ी से 5,000 अवैध इंजेक्शन और 326 कोडीन फॉस्फेट व ट्राइप्रोलिडाइन एचसीएल सिरप बरामद हुए, जिनकी कीमत लगभग 8 लाख रुपये आंकी गई है। आरोपी बिना लाइसेंस और बिना बिल के ये दवाएं ले जा रहा था।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा के अनुसार, देर रात टांडा बागवाला–टांडा उज्जैन रोड पर चेकिंग के दौरान आरोपी संदिग्ध अवस्था में पकड़ा गया। औषधि निरीक्षक नीरज कुमार की जांच में पुष्टि हुई कि बरामद दवाएं Controlled Drugs की श्रेणी में आती हैं, जिनका परिवहन केवल वैध लाइसेंसधारियों द्वारा ही किया जा सकता है।
आरोपी के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की गई है।
कंट्रोल्ड ड्रग्स क्या होती हैं?
कंट्रोल्ड ड्रग्स वे दवाएं हैं जिनका गलत उपयोग नशे के रूप में किया जा सकता है। विशेष रूप से ओपिओइड दर्दनाशक, जिन्हें मध्यम से गंभीर दर्द के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चिकित्सा जगत में इनके उपयोग को लेकर लंबे समय से विवाद बना हुआ है—कम उपयोग से मरीज दर्द झेलते हैं, जबकि अत्यधिक उपयोग से नशे की लत और ओवरडोज़ का खतरा बढ़ जाता है।
1990 के दशक में इनके जरूरत से ज्यादा उपयोग के कारण दुरुपयोग और ओपिओइड संकट तेजी से बढ़ा। इसी जोखिम को देखते हुए सरकार इन दवाओं के निर्माण, वितरण और परिवहन पर कड़ी निगरानी रखती है।















