
बबीना (झांसी): बबीना क्षेत्र के सरवा ग्राम में वन विभाग ने अवैध लकड़ी तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। धोबई नाले के पास भारी मात्रा में एकत्रित 45 क्विंटल अवैध खैर की लकड़ी बरामद की गई, जिसकी बाजार कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने छापेमारी की, लेकिन तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। वन विभाग ने लकड़ी जब्त कर तस्करों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है।
गुप्त सूचना पर हुई छापेमारी
वन विभाग को गुप्त सूत्रों से सूचना मिली थी कि धोबई नाले के पास बड़ी मात्रा में अवैध रूप से खैर की लकड़ी एकत्रित की गई है, जिसे तस्कर जल्द ही बाजार में बेचने की फिराक में हैं। सूचना मिलते ही रेंजर झांसी राजनरायन यादव, वन दारोगा महेश कुमार यादव, वन रक्षक मनोज कुमार, कु. पूजा, पुष्पेंद्र और अन्य वनकर्मियों की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इलाके में दबिश दी।
छापेमारी के दौरान जैसे ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लकड़ी तस्करों को भनक लग गई और वे अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। टीम ने मौके से 45 क्विंटल खैर की लकड़ी जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश सीमा बनी तस्करों का गढ़
स्थानीय लोगों का कहना है कि मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा आपस में सटी होने के कारण यह इलाका लकड़ी तस्करों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। तस्कर मध्यप्रदेश के जंगलों से खैर की लकड़ी काटकर उत्तरप्रदेश की सीमा में फेंक देते हैं और फिर वहां से इसकी तस्करी करते हैं।
खैर की लकड़ी की बाजार में काफी उच्च मांग है, क्योंकि इसका उपयोग गुटखा, कत्था, आयुर्वेदिक दवाओं और लकड़ी के अन्य उत्पादों में किया जाता है। यही कारण है कि तस्कर अवैध कटाई कर इसे बाजार में बेचने के लिए सक्रिय रहते हैं।
डीएफओ /प्रभागीय वनाधिकारी जे० बी शेंडे की सख्त चेतावनी: जल्द होंगे तस्कर गिरफ्तार साथ ही उन्होंने बताया कि दो ट्रैक्टर लकड़ी बरामद की गई हे और उसको वनविभाग की नर्सरी में रखवा दिया हे और अज्ञात के विरुद्ध मुकद्दमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी गई हे।वन विभाग ने इस कार्रवाई को लेकर कड़ी चेतावनी जारी की है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तस्करों की पहचान कर जल्द ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, वन क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
वन विभाग ने स्थानीय ग्रामीणों से भी अपील की है कि यदि वे जंगलों में किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखें तो तुरंत सूचना दें, ताकि तस्करों पर लगाम लगाई जा सके और जंगलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
जांच जारी, तस्करों की तलाश तेज
वन विभाग ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। आसपास के गांवों में पूछताछ की जा रही है और संदेह के आधार पर कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा सकती है। वन अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस अवैध तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया जाएगा ।