मैनपुरी। मां शीतला की पूजा करने से सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। लगभग 400 साल पहले इलाहाबाद के मानिकपुर गढ़ा से आयीं माता रानी की कृपा पाने के लिए हजारों लोग नवरात्र के दिनों में पहुंचते हैं। कोरोना संकट के चलते पिछले दो वर्षों से दर्शनों की बंदिश थी। लेकिन इस बार माता रानी भक्तों को बिना बाधा के दर्शन देंगी। मंदिर प्रशासन ने चैत्र नवरात्र के मौके पर मंदिर से जुड़ी व्यवस्थाओं का अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
नवादा में प्रकट हुई थी माता रानी, आज भी हैं मूर्ति
गौरतलव है कि करीब 400 साल पहले माता रानी गांव नवादा के निकट ईसन नदी के किनारे प्रकट हुई थीं, ऐसा कहा जाता है। इस स्थान पर माता रानी की मूर्ति अभी भी है। यहां स्थित मूर्ति को मूड़कट्टा देवी (भूड़न देवी) के रूप में मान्यता है। नवरात्र के दिनों में यहां भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने पहुंचते हैं। नवरात्र के बाद दसवीं को मेला भी लगता है। मूर्ति के पीछे एक पोल भी लगा है।
कहा जाता है कि इस पोल को हटाने की कोशिश हुई लेकिन आज तक ये लगा हुआ है। मैनपुरी के राजा महाराजा तेजसिंह ने माता रानी की मूर्ति की स्थापना शहर के कुरावली रोड पर कराई गई। अब यहां हर साल नवरात्र में मेला लगता है और नवरात्र के मौके पर हजारों की भीड़ मां के दर्शन पाकर मनोकामनाएं मांगने आती है। अब यह स्थान नुमाइश ग्राउंड के नाम से जाना जाता है। यहां जो मेला लगता उसे श्रीदेवी मेला नाम दिया गया है।