– कपटी मनुष्य का भगवान कभी साथ नहीं देते
– भगवान की शरण में जाने से जन्मों के कष्ट दूर होते हैं
– राम कथा का श्रवण कर अपना जीवन सुधारें
मैनपुरी। मन्दिर श्री भीमसेन जी महाराज में महाशिवरात्रि महोत्सव के तहत पांच दिवसीय संत सम्मेलन एवं प्रवचन कार्यक्रम में विराम दिवस पर प्रवचन करते हुये साधना शर्मा ‘‘रामायणी‘‘ ने भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह का बड़ा ही मनोहारी वर्णन करते हुए कहा कि भगवान शंकर के भक्तों को महाशिवरात्रि और पवित्र श्रावण मास के सोमवारों को पूरी तन्मयता से पूजन करना चाहिए। रायबरेली की बाल विदुषी अंजली मिश्रा ने कहा कि भगवान ने आपको मनुष्य जन्म दिया है इसलिए जीवन में कभी किसी से भी कपट नहीं करना चाहिए। कपट करने से अपने तो रुठ ही जाते हैं साथ ही भगवान भी मानव का साथ छोड़ देते हैं।
स्वामी प्रेमदास भदौरिया‘ सूरदास‘ ने कहा कि मनुष्य के प्रभु राम जी की शरण में जाने मात्र से ही उसके जन्मों जन्मों के कष्ट और दुःख मिट जाते हैं। बांदा के डॉ वीरेन्द्र स्वरूप द्विवेदी ने कहा कि मानव जीवन का उद्धार राम कथा का श्रवण करने से ही होता है। भगवान राम के आदर्शों को जीवन में उतारें। मानस मर्मज्ञ डॉ रामबाबू पाठक ने कहा मनुष्य रूप में अवतार लेने पर भगवान ने भी आम मानव की तरह लीलाएं की हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए हरदोई के आचार्य डॉ पंकज मिश्र ‘मयंक‘ ने कहा कि भरत जी के चरित्र से हमको प्रेणना लेनी चाहिए।
इस दौरान अध्यक्ष महेश चंद्र अग्निहोत्री, वीर सिंह भदौरिया, रमेश चंद्र ‘‘सर्राफ‘‘, आचार्य सहिबलाल तिवारी, आचार्य जगन्नाथ मिश्रा, आचार्य शिवकुमार द्विवेदी, नरेंद्र सिंह राठौर, उदयवीर चौहान, राजेन्द्र राठौड़, प्रशान्त मिश्रा, अमरनाथ भारद्वाज, सब्बन बाबा, शिवनंदन वर्मा, कुंवर सिंह भदौरिया, राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा, सुखेन्द्र कुशवाह, विनोद गुप्ता, हरेंद्र चौहान, रामवीर भदौरिया, अंशुल चौहान आदि मौजूद थे।