
Mainpuri : मैनपुरी साइबर अपराध पर करारी चोट करते हुए मैनपुरी साइबर सेल ने जस्ट डायल पर फर्जी व्यापार के विज्ञापन डालकर लाखों की ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर की गई कार्रवाई में साइबर टीम ने चार आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए 7 मोबाइल फोन, 2900 रुपये नकद और दो मोटरसाइकिलें बरामद की हैं। गिरफ्तार चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जा रहा है।
प्रतिबिंब पोर्टल से शुरू हुई जांच खुल गए ठगी नेटवर्क के राज
शिकायत के बाद पुलिस जांच की शुरुआत तब हुई जब ‘प्रतिबिंब’ पोर्टल पर दो मोबाइल नंबर संदिग्ध हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित मिले। दोनों नंबरों की गहराई से जांच में पता चला कि गृह मंत्रालय के एनसीआरपी पोर्टल पर पानी की बोतल और कोल्ड ड्रिंक सप्लाई के नाम पर ठगी की दो शिकायतें पहले से दर्ज हैं।
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
तकनीकी विश्लेषण में पाया गया कि ठगी के दौरान इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों की लोकेशन आगरा रोड हॉटस्पॉट के आसपास ट्रेस हुई और ठगे गए पैसे शहर के विभिन्न एटीएम से कैश विदड्रॉल के जरिए निकाले जा रहे थे। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज मिलान, मोबाइल सर्विलांस और अन्य तकनीकी जांच में चारों आरोपी पकड़े गए।
शातिरों में कृष्णा गुप्ता, मोहल्ला भरतवाल; रोहित कश्यप, न्यू बस्ती गाड़ीवान; प्रभात शंखवार, मोहल्ला भरतवाल; और कृष्णा शर्मा, ग्राम पोपी नगला को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

ऐसे चल रहा था साइबर ठगी का कारोबार पूछताछ में खुलासा
पूछताछ में आरोपियों ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि मास्टरमाइंड कृष्णा गुप्ता जस्ट डायल पर फर्जी कंपनियों के विज्ञापन डालता था। ग्राहक कॉल करते तो उन्हें थोक रेट, डीलरशिप और उपहार ऑफर का लालच देकर विश्वास में लिया जाता। बुकिंग के नाम पर पहले 50% एडवांस और फिर लोडिंग–ट्रांसपोर्टेशन शुल्क के नाम पर दूसरी किस्त मांगी जाती। भुगतान मिलते ही सभी मोबाइल फोन बंद कर दिए जाते। ठगी का पैसा यूपीआई और एटीएम से निकालकर आपस में बांट लिया जाता था।
गिरोह में भूमिकाएं भी बंटाई गई थीं
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि रोहित कश्यप और कृष्णा शर्मा बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। प्रभात शंखवार सिम कार्ड की व्यवस्था करता था। कृष्णा गुप्ता विज्ञापन डालने और पूरी ठगी रणनीति बनाने का काम करता था।
साइबर सेल पुलिस ने आज श्मशान घाट रोड के पास दबिश देकर चारों को गिरफ्तार किया। जांच में यह भी सामने आया है कि गिरोह के मोबाइल नंबरों और बैंक खातों से देशभर में कई अन्य शिकायतें दर्ज हैं, जिनकी पड़ताल जारी है।










