– नगला मंगद में श्रीमदभागवत कथा का छठवां दिन
किशनी/मैनपुरी। नगर पंचायत के नगला मंगद में जंडोली महाराज के देव स्थान पर चल रही श्रीमदभागवत कथा के छठवें दिन कथावाचक पं.आचार्य सुभाष चन्द्र मिश्रा ने कृष्ण की बाललीलाओं व गोवर्धन लीला की कथा सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। सोमवार को कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने बचपन में ही मा यशोदा के आगन में खेल-खेल में कई असुरों का वध कर दिया था। जिस समय मा यशोदा और नन्द बाबा सहित पूरा गाव इंद्र की पूजा करने की तैयारियों में जुटा था तब श्रीकृष्ण ने अनजान बनकर नन्दबाबा से पूछा बाबा ये क्या हो रहा है। जब बाबा ने पूरी कहानी बतायी तो श्रीकृष्ण जिद कर गये कि आज बिना बोलने व खाने वाले के स्थान पर मेरे बोलने व खाने वाले देवता की पूजा होगी। बाबा नन्द व मा यशोदा सहित पूरे गांव के ग्रामीणों ने उनको समझाने का प्रयास किया पर उन्होंने एक न मानी और गोवर्धन पर्वत की पूजा की।
अपना अपमान देख नाराज इंद्र ने मूसलाधार वर्षा कर दी। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उगंली पर उठा लिया और पूरे गाव को बचा लिया। इंद्र को जब इस आभास हुआ कि ये तो साक्षात भगवान हैं तो इंद्र ने आकर अपना मत्था भगवान के चरणों में टेक दिया। उसी दिन से आज तक गोवर्धन पर्वत की सात कोस की परिक्रमा के साथ पूजा की जाती है। जिससे मानव शरीर का उद्धार भी हो जाता है। कथा में किशनी, पृथ्वीपुर, हरचंदपुर, मुकुटपुर, हिम्मतपुर, नगला अखे, बसैत, खडेपुर, हरिसिंहपुर, उदयपुर, गोकुलपुर सहित दर्जनों गांव के भक्तजन उपस्थित थे।