मैनपुरी। जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने कृषक दुर्घटना बीमा योजना की समीक्षा के दौरान कहा कि कृषकों को दुर्घटना बीमा का लाभ समय से मिले सुनिश्चित किया जाय, जो दावे प्राप्त हुये है उन्हें सम्बन्धित उप जिलाधिकारी थर्ड पार्टी क्रास चेंकिंग कराकर 01-02 दिन में स्वीकृत कराना सुनिश्चित करें, किसी भी दशा में शासन द्वारा कृषक दुर्घटना बीमा की अवमुक्त धनराशि समर्पित न होने पाये। उन्होंने कहा कि टीम बना कर शासनादेश के अनुसार कार्यवाही पूर्ण कर आख्या उपलब्ध करायी जायेे।
वहीं उन्होने कहा कि योजना के अन्तर्गत कृषक की परिभाषा का विस्तार किया गया है, खतौनी में दर्ज खातेदार, सह खातेदार के साथ-साथ परिवार के ऐसे कमाऊ सदस्य जिनकी आजीविका का मुख्य श्रोत खातेदार, सह खातेदार के नाम दर्ज भूमि से होने वाली कृषि आय है तथा जिनकी जीविका का मुख्य साधन ऐसे पट्टे अथवा बटाई पर ली गयी भूमि पर कृषि कार्य है, को सम्मलित किया गया है, पात्र कृषक की आयु 18 वर्ष से 70 वर्ष तक निर्धारित की गयी है।
कृषक के बटाईदार होने की स्थिति में जमीन के स्वामी से प्रमाण पत्र देना होगा कि उसकी जमीन पर सम्बन्धित बटाईदार द्वारा खेती की है, बटाईदार की जमीन का स्वामी नही होने की दशा में प्रधान, लेखपाल के संयुक्त प्रमाण पत्र के आधार पर उसको लाभ दिलाया जाय। उन्होंने उप जिलाधिकारियों से कहा कि तहसीलदार के यहां से दावे प्राप्त होने पर सम्बन्धित तहसीलदार द्वारा जिन अधिकारियों, कर्मचारियों के माध्यम से दावों की जांच कराई गई है उनको छोड़कर किसी अन्य अधिकारी, कर्मचारी से दर्शाए गए विवरण की क्रॉस चेकिंग कराई जाए, प्रत्येक माह बीमा योजना की बैठक तहसील स्तर पर कराई जाए, सभी आवेदन पत्रों की गहनता से जांच कर सन्तुष्ट होने पर ही आगे रिपोर्ट भेजी जाए।
मृत्यु की दशा में पोस्टमार्टम रिपोर्ट अथवा जहाॅ पर पोस्टमार्टम सम्भव नहीं है, वहाॅ पंचनामा, साॅप, अन्य विषैले जीव-जन्तु के काटने से कृषक की मृत्यु की दशा में पोस्टमार्टम रिपोर्ट, स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक, मुख्य चिकित्साधिकारी का प्रमाणपत्र मान्य होगा। उन्होने कहा कि आग लगने, बाढ, बिजली गिरने, करण्ट लगने, साॅप के काटने, जीव-जन्तु, जानवर द्वारा काटने, आक्रमण से, समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुॅये में डूबने, ऑधी-तूफान, वृक्ष से गिरने, दबने, मकान गिरने, रेल, रोड, वायुयान, अन्य वाहन आदि से दुर्घटना, भू-स्खलन, भूकम्प, गैस रिसाव, विस्फोट, सीवर चैम्बर में गिरने अथवा अन्य किसी कारण से कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु, दिव्यांगता होती है, तो कृषक, विधिक वारिसों को इस योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता अनुमन्य होगी।
मृत्यु, दिव्यांगता यदि आत्महत्या या आपराधिक कार्य करते समय होती है तो ऐसी दशा में योजना के अन्तर्गत लाभ अनुमन्य नहीं होगा। बैठक में अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. पी.पी. सिंह, डिप्टी कलेक्टर प्रेम प्रकाश, उपजिलाधिकारी सदर, भोगांव, करहल नवोदिता, राज नारायण त्रिपाठी, आर.एन वर्मा आदि उपस्थित रहे।