Mainpuri : बिजली चोरी मामले में कोर्ट का कड़ा रुख, न्यायालय ने पुलिस की लापरवाही पर जताई नाराज़गी

Mainpuri : बिजली चोरी के मामलों में लगातार बढ़ रही लापरवाही पर स्पेशल जज ईसी एक्ट न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। न्यायालय के आदेश पर आरोपीगण के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW), धारा 82 सीआरपीसी की कार्रवाई, तथा जमानत गिरों के नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन पुलिस अब तक अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। इससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है।

न्यायालय के समक्ष वर्ष 2009 के तीन बिजली चोरी के मामलों की सुनवाई के दौरान आरोपी लगातार अनुपस्थित रहते हैं। इसके बावजूद थाना पुलिस की ढिलाई के कारण वारंट की तामील नहीं हो पा रही है।

मामला संख्या-1

14 फरवरी 2009 को मंजू पत्नी कमलेश निवासी श्रंगार नगर, करहल रोड के घरेलू कनेक्शन पर ₹16,762 बकाया था। कनेक्शन अस्थायी रूप से कटने के बाद भी चेकिंग के दौरान अवैध रूप से बिजली का उपयोग किया जा रहा था। मुकदमा दर्ज होने के बाद से मंजू न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रही है। इस पर स्पेशल जज राकेश पटेल ने NBW जारी करते हुए धारा 82 सीआरपीसी की कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

मामला संख्या- 2

श्यामवीर निवासी नगला गोसाई, थाना कुर्रा के खिलाफ 28 अक्टूबर 2009 को विद्युत चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी जमानत मिलने के बाद न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ, जिस पर NBW तथा जमानत गिरों गुलाब सिंह एवं मोर सिंह को नोटिस जारी किए गए हैं।

मामला संख्या- 3

आसाराम निवासी ग्राम पड़ीना, थाना एलाऊ को 13 अक्टूबर 2009 को नलकूप कनेक्शन पर आटा चक्की संचालित करते हुए बिजली चोरी करते पकड़ा गया था। जमानत मिलने के बाद से वह भी न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहा है। इस पर उसके खिलाफ NBW जारी किया गया है।

अदालत पहले ही जारी कर चुकी है गैर-जमानती वारंट

न्यायाधीश ने तीनों मामलों में मंजू देवी, श्यामवीर और आसाराम के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट को 20 दिसंबर 2025 तक हर हाल में तामील करने का कड़ा आदेश संबंधित थानों को दिया है।

पुलिस की लापरवाही पर नाराज न्यायालय

विद्युत अधिवक्ता देवेंद्र सिंह कटारिया के अनुसार, न्यायालय की सख्ती के बावजूद संबंधित थाना पुलिस अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। न तो अभियुक्त अदालत में पेश हो रहे हैं और न ही विद्युत चोरी का जुर्माना जमा हो रहा है, जिससे सरकार को बड़ा राजस्व नुकसान हो रहा है।

अदालत ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि वारंट और कार्रवाई में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस को हर हाल में अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने का निर्देश दिया गया है। यदि पुलिस लापरवाही बरतती रही, तो न्यायालय द्वारा और कड़ी कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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