महेंद्र सिंह वर्मा ने बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी की सदस्यता की ग्रहण

बांदा। जिले की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष महेंद्र सिंह वर्मा ने आखिरकार एक बार फिर से बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करके सबको चौंका दिया है। बता दें कि श्री वर्मा इसके पहले भी सपा की साइकिल दौड़ा चुके हैं। इसके अलावा वह बसपा, भाजपा और कांग्रेस आदि दलों का झंडा भी बुलंद कर चुके हैं। खांटी बसपाई के रूप में सियासत की पारी का आगाज करने वाले महेंद्र सिंह वर्मा सपा के टिकट पर 2013 में जिला पंचायत के अध्यक्ष बने थे और उन्होंने बांदा के विकास में अहम योगदान दिया था। उनके सपा में शामिल होने से पार्टी को जिले में मजबूती मिल सकती है और सपा के जनाधार में इजाफा हो सकता है।
विधानसभा चुनाव 2027 भले ही अभी दूर हो, लेकिन सियासी दलों के धुरंधरों ने अभी से ही अपनी गणित लगाना शुरू कर दिया है। इधर गुरुवार को लखनऊ में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष महेंद्र सिंह वर्मा ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समक्ष सदस्यता ग्रहण करने का ऐलान करके सियासी भूचाल ला दिया है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री वर्मा का राजनीतिक कैरियर न सिर्फ बहुत लंबा रहा है, बल्कि उन्होंने कई पदों पर आसीन होकर अपनी लोकप्रियता का परिचय भी जिले को दिया है। बबेरू क्षेत्र के देवरथा गांव के प्रधान से सियासी पारी शुरू करने वाले महेंद्र ने जिले की सबसे बड़ी पंचायत तक का सफर अपने संघर्ष के बलबूते ही पूरा किया है। इतना ही नहीं उनकी पत्नी आशा वर्मा भी देवरथा की लगातार दो बार प्रधान और जिले के कई वार्डों से कई बार जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत संचालन समिति की सदस्य रह चुकी हैं। कुल मिलाकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष महेंद्र और उनकी धर्मपत्नी आशा के लंबे सियासी कैरियर के आगे बड़े बड़े धुरंधर पीछे छूट जाते हैं। महेंद्र ने 2012 में कांग्रेस के टिकट पर नरैनी सुरक्षित विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन इलाके के धुरंधर सजातीय नेता जीसी दिनकर के आगे मामूली अंतर से पिछड गए और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि महेंद्र ने सपा की लाल टोपी लगाने का मन काफी पहले ही बना लिया था, जिसका संकेत वह लोकसभा चुनाव में सपा उम्मीदवारों के पक्ष में खुलकर प्रचार करके दे चुके हैं। आखिरकार एक बार फिर से महेंद्र ने साइकिल की सवारी शुरू कर दी है और अब साइकिल में सवार होकर विधानसभा पहुंचने के सपने देख रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि अपने पुराने साथी महेंद्र पर सपा सुप्रीमो कितना भराेसा कर पाते हैं।

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