देश भर में महाशिवरात्रि की धूम: 10 हजार नागा साधुओं ने किया बाबा विश्वनाथ के दर्शन, महाकाल में भक्तो का लगा अंबार

-25 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान
– महाकाल में भक्त लगातार 44 घंटे तक दर्शन कर सकेंगे

उज्जैन/वाराणसी। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर काशी नगरी शिवमय हो गई है। पूरे शहर में हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस विशेष अवसर पर करीब 10 हजार नागा साधु, गदा-तलवार लहराते हुए, बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे। उज्जैन में महाकाल पर सतत जल की धारा अर्पित होती रहेगी। भगवान महाकाल को सप्तधान्य- चावल, मूंग खड़ा, तिल, मसूर खड़ा, गेहूं, जौ, साल का मुखौटा धारण कराया जाएगा। सवा मन फूलों का मुकुट बांधकर सोने के कुंडल, छत्र और मोरपंख और सोने के त्रिपुंड से सजाया जाएगा। चांदी के बिल्वपत्र और सिक्के न्यौछावर किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी पत्नी समेत बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे।

-नागा साधुओं की भव्य शोभायात्रा
काशी में महाशिवरात्रि के दिन नागा साधुओं की भव्य शोभायात्रा देखने लायक रही। हाथ में गदा, त्रिशूल, और शरीर पर भस्म लगाए इन संतों ने शिवभक्ति में लीन होकर नगर भ्रमण किया। श्रद्धालु उनकी झलक पाने के लिए आतुर दिखे। शोभायात्रा में हाथी-घोड़े की सवारी और साधुओं के आकर्षक स्वरूप ने माहौल को दिव्यता से भर दिया।

-उमड़ा आस्था का सैलाब
रात से ही श्रद्धालु दर्शन के लिए कतारबद्ध हो गए थे। तड़के 2:15 बजे बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती हुई और मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए गए। आधी रात से ही लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर के बाहर इंतजार कर रहे थे। अब तक 2.37 लाख से अधिक भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर चुके हैं। इस बार महाशिवरात्रि पर करीब 25 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। मंदिर प्रशासन के मुताबिक, मंदिर अगले 69 घंटे तक दर्शन के लिए खुला रहेगा।

-महाशिवरात्रि और महाकुंभ का दुर्लभ संयोग
महाशिवरात्रि और महाकुंभ का यह दुर्लभ संयोग छह साल बाद बना है। इससे पहले, 2019 के कुंभ के दौरान भी काशी में महाशिवरात्रि पर 15 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। इस बार यह संख्या और अधिक होने की उम्मीद है। नागा साधुओं के दर्शन के लिए लाखों भक्त रातभर सड़कों के किनारे खड़े रहे।

-ज्योतिर्लिंगों में भी उमड़ी भीड़
काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा, देशभर के 12 ज्योतिर्लिंगों में भी भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। उज्जैन में महाकाल मंदिर के पट मंगलवार रात 2:30 बजे खोल दिए गए और भक्त लगातार 44 घंटे तक दर्शन कर सकेंगे। सोमनाथ मंदिर में भी 42 घंटे तक दर्शन की विशेष व्यवस्था की गई है। झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भी दो लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचने की संभावना है। बैद्यनाथ मंदिर देवघर में महाशिवरात्रि के दिन पट सुबह चार बजे आम भक्तों के लिए खोल दिया गया। वहीं, रात के नौ बजे तक श्रद्धालु जलार्पण और दर्शन कर सकेंगे। परंपरा के अनुसार, इस दिन श्रृंगार पूजा नहीं होती, इसलिए पट खुलते ही श्रद्धालुओं की पूजा शुरू हो जाती है। देवघर में हर वर्ष फागुन चतुर्दशी तिथि यानी शिवरात्रि के मौके पर चार पहर में माता पार्वती व बाबा भोलेनाथ का अभिषेक पूजन होता है। ओंकारेश्वर को फूलों से सजाया गया है। यहां षट्दर्शन संत मंडल ने शोभायात्रा निकालकर ओंकारेश्वर और ममलेश्वर के दर्शन किए।

– पीएम और राष्ट्रपति ने दी शुभकामनाएं
महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा, भगवान भोलेनाथ की कृपा सभी पर बनी रहे और यह पर्व सुख-समृद्धि एवं उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए। हर-हर महादेव! वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महादेव की कृपा से देश निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हो।

– सुरक्षा के कड़े इंतजाम
महाशिवरात्रि के मद्देनजर काशी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। नागा साधुओं के मार्ग को सुरक्षित रखने के लिए बैरिकेडिंग की गई है, ताकि भक्त आसानी से दर्शन कर सकें। महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी शिवमय हो गई है और पूरे देश में शिवभक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है।

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