महासंग्राम : गंगा के रास्ते मोदी के गढ़ में प्रियंका की हुंकार, ये बना आगे का प्लान…

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मीरजापुर कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए पूर्वांचल के दौरे पर निकली कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्वांचल प्रभारी प्रियंका वाड्रा 19 मार्च को जलमार्ग से मीरजापुर पहुचेंगी। यहां मां विंध्यवासिनी का दर्शन कर राजनैतिक हालात को समझते हुए चुनावी रणनीति का मंत्र कार्यकर्ताओं को देंगी।
चुनावी राजनीति के तहत कांग्रेस के रणनीतिकारों ने प्रियंका वाड्रा को पहले नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात भेजा और अब गंगा नदी के रास्ते प्रयागराज के संगम से मीरजापुर होते हुए काशी पहुचेंगी।

प्रियंका की उथल-पुथल मचाने की रणनीति

राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि कांग्रेस के रणनीतिकार प्रियंका को बनारस में न उतारकर गंगा नदी के रास्ते मतदाताओं के एक लंबे बेल्ट में उथल-पुथल मचाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट पर अपनी विजय के लिए मीरजापुर जनपद को साधा है और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के माध्यम से जनपद के विकास के सारे रास्ते खोल रखे हैं।

इंदिरा गांधी भी नंगे पांव त्रिकोण परिक्रमा की थीं

गौरतलब है कि मीरजापुर के मतदाता दस्यु सुंदरी फूलन देवी को दो बार संसद पहुंचा चुके हैं। कांग्रेस भी यहां की महिलाओं में अपना घुसपैठ बनाने के लिए प्रियंका को भेजा है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी चुनाव में पराजय के बाद मीरजापुर आकर मां विंध्यवासिनी की विशेष पूजा-अर्चना कर नंगे पांव त्रिकोण परिक्रमा भी की थी और अगले चुनाव में वे फिर सत्ता में आ गई।
मृत प्राय कांग्रेस को संजीवनी देने के लिए प्रियंका भी जनपद आगमन के बाद सर्वप्रथम मां विंध्यवासिनी की विशेष पूजा कर गंगा किनारे स्थित कुछ खास देवस्थलों पर भी जाएंगी। लोकतंत्र में मतदाता के मन को जो अपने पक्ष में कर ले, उसकी जीत तय है। कांग्रेस प्रियंका के चेहरे को खासकर पूर्वांचल में उतारी है। मतदाता इसे किस रूप में लेते हैं, यह तो समय ही बताएगा।

विंध्यधाम में प्रियंका टेकेंगी मत्था और कंतित शरीफ पर चढ़ाएंगी चादर

। कांग्रेस महासचिव और पूर्वांचल प्रभारी प्रियंका गांधी का मंगलवार को व्यस्त चुनावी दौरा है। वह विंध्याचल पहुंच मां के चरणों में मत्था टेक आर्शीवाद लेंगी। इसके बाद कंतित शरीफ में चादर चढ़ाएंगी।
मिर्जापुर में घाट सभा करने के बाद रात्रि में चुनार स्थित लोकनिर्माण के अतिथि गृह में विश्राम करेंगी। सीतामढ़ी से गंगा के जरिए उन्हें रामपुर घाट जाना था, जहां बच्चों और लोगों से मुलाकात का कार्यक्रम था, लेकिन उसे निरस्त कर दिया गया है। इसके पूर्व सीतामढ़ी में उन्होंने मां सीता का दर्शन-पूजन कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ गुप्त मीटिंग करने के बाद सड़क मार्ग से मिर्जापुर के लिए रवाना हुई।

सीतामढ़ी से निकलने के बाद वह भदोही-मिर्जापुर की सीमा में संक्षिप्त कार्यक्रम में लोगों से मुलाकात किया। फिर सड़क मार्ग के जरिए विंध्याचल पहुंच दर्शन पूजन करेंगी। इसके बाद उनका काफिला पास स्थित कंतित शरीफ की मजार पहुंचेगा जहां वह चादर भी चढ़ाएंगी। इसके बाद कंतित शरीफ से सड़क मार्ग से मिर्जापुर के घटौली गंगा घाट पहुंचेंगी। यहां से जलामार्ग यानी मोटर बोट से उनकी यात्रा आगे के लिए रवाना होगी। सिंघोरा घाट पर तकरीबन एक घंटे की उनकी आम सभा है।

वहां से पुनः मोटर बोट के जरिए चुनार प्लाटून पुल पहुंच कर वहां लोगों से मिलेंगी। इसके बाद मिर्जापुर में निषाद राज चैराह, आनंदमई तिराहा और टिकोरे चैराहा पर भी लोगों से मुलाकात करेंगी। शाम को कार्यक्रम खत्म करने के बाद चुनार स्थित लोकनिर्माण के अतिथि गृह में रात्रि विश्राम करेंगी।

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