Maharashtra: एक्शन में सीएम फडणवीस; लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण रोकने की फुल तैयारी

Kajal soni

महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति विभिन्न कानूनी उपायों का प्रस्ताव देगी ताकि इन मामलों से निपटा जा सके। समिति का नेतृत्व महाराष्ट्र के डीजीपी करेंगे, जबकि अन्य सदस्य राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से होंगे। इस कदम से महाराष्ट्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में गंभीर है और प्रदेश में इन प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाएगी।

लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सरकारी पहल

लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण से संबंधित मामले अक्सर सार्वजनिक बहस का हिस्सा बनते हैं। इन दोनों मुद्दों को लेकर कई संगठनों और राजनीतिक दलों के बीच विवाद भी उत्पन्न होता रहा है। लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल विशेष रूप से दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा किया जाता है, जिसमें आरोप होता है कि मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं से शादी कर उन्हें धर्मांतरण के लिए दबाव डालते हैं। हालांकि, इस आरोप को लेकर विभिन्न लोगों की अलग-अलग राय है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और एक समिति का गठन किया है, जिसका उद्देश्य इन घटनाओं के बारे में कानूनी दृष्टिकोण से समाधान निकालना है।

महाराष्ट्र सरकार की सात सदस्यीय समिति का गठन

महाराष्ट्र सरकार ने जो सात सदस्यीय समिति गठित की है, उसमें राज्य के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। समिति में राज्य के डीजीपी (Director General of Police) को अध्यक्ष बनाया गया है, जो इस मामले में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मार्गदर्शन करेंगे। इसके अलावा, महिला एवं बाल कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक विभाग, कानून और न्यायपालिका विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, और विशेष सहायता विभाग के सचिव भी इस समिति का हिस्सा होंगे। गृह विभाग के उप-सचिव को भी समिति में शामिल किया गया है, ताकि सुरक्षा और कानून व्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर गहन चर्चा की जा सके।

समिति का मुख्य उद्देश्य लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के मामलों पर अध्ययन करना और इनके समाधान के लिए कानूनी उपायों की सिफारिश करना है। समिति अन्य राज्यों में इन मुद्दों से संबंधित कानूनों का भी अध्ययन करेगी और इन घटनाओं को रोकने के लिए सख्त प्रावधान सुझाएगी। इसके साथ ही समिति कानूनी पक्ष पर भी सलाह देगी, ताकि किसी भी तरह की कानूनी समस्या उत्पन्न न हो।

लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण पर सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया

लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे मुद्दे अक्सर विवाद का कारण बनते हैं, और इन पर विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं। कुछ लोग इसे धर्म विशेष से जुड़ी एक साजिश मानते हैं, जबकि अन्य इसे व्यक्तिगत अधिकारों और स्वतंत्रता के दृष्टिकोण से देखते हैं। इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की मांग समय-समय पर उठती रही है। भाजपा और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों के नेताओं ने कई बार आरोप लगाया है कि कुछ मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को धोखे से अपने धर्म में धर्मांतरित करा रहे हैं। हालांकि, इन आरोपों की सत्यता को लेकर कोई ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन फिर भी यह मुद्दा समाज में राजनीतिक और धार्मिक विवादों का कारण बन चुका है।

समिति की सिफारिशों और सुझावों के बाद, महाराष्ट्र सरकार संभवतः एक सख्त कानून लाने पर विचार कर सकती है, जैसा कि कुछ अन्य राज्यों में देखा गया है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने पहले ही इस मुद्दे पर कड़े कदम उठाए हैं और लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए नए कानून बनाए हैं। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार का यह कदम उस दिशा में एक और बढ़ता हुआ कदम हो सकता है।

एनसीपी सांसद की केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात

वहीं, महाराष्ट्र से संबंधित एक और महत्वपूर्ण घटना यह रही कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी के सांसद सुरेश महात्रे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। यह मुलाकात विशेष रूप से ठाणे के भिवंडी इलाके में अपराध और ड्रग तस्करी को लेकर हुई। सांसद ने गृह मंत्री से अनुरोध किया कि भिवंडी क्षेत्र में अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, क्योंकि यह इलाका अपराधियों का गढ़ बन चुका है। महात्रे ने बताया कि भिवंडी में अपराध और ड्रग तस्करी का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है और अपराधी गिरफ्तारी के बावजूद जमानत पर छूटकर फिर से अपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले में आश्वासन दिया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करेंगी। उन्होंने अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि ड्रग तस्करी और अपराध को समाप्त करने के लिए तेज और प्रभावी कार्रवाई की जाए।

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