
भास्कर ब्यूरो
- दैनिक भास्कर की पड़ताल में कई विभागों के अधिकारी अनुपस्थित मिले, जनता की सुनवाई पर सवाल
- सुबह 10:40 से 11 बजे तक की जांच में तीन प्रमुख कार्यालयों में अधिकारी नदारद
- शासन की मंशा पर सवाल, विकास भवन में लापरवाही का आलम
Maharajganj : बीते सप्ताह जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने जिले के समस्त विभागों के अधिकारियों को बिते सप्ताह स्पष्ट निर्देश दिए थे कि शासन की मंशा के अनुरूप सभी अधिकारी अपने कार्यालय में समय से उपस्थित रहें और जनता की समस्याओं का शुचिता पूर्ण निस्तारण करें। इस आदेश की गंभीरता को परखने के लिए दैनिक भास्कर की टीम सोमवार सुबह विकास भवन पहुंची, जहां अधिकारियों की उपस्थिति की पड़ताल की गई।

जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय
सुबह 10:40 बजे दैनिक भास्कर टीम सबसे पहले जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार के कार्यालय पहुंची। कार्यालय बाहर से बंद मिला और अंदर जाने पर कुर्सी खाली मिली। वहां मौजूद कर्मचारी ने फोटो लेने से मना करते हुए बताया कि अधिकारी छुट्टी पर हैं। यह स्थिति तब है जब जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि अधिकारी कार्यालय में उपस्थित रहें।

जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय
इसके बाद 10:55 बजे टीम जिला समाज कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंची। वहां भी स्थिति कुछ अलग नहीं थी। कुर्सियां खाली थीं और अधिकारी नदारद थे। यह विभाग आमजन से सीधे जुड़ा हुआ है और इसके कार्यों में लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है। समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी है कि वह जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाए, लेकिन अधिकारी की अनुपस्थिति से यह उद्देश्य अधूरा रह जाता है।

उपायुक्त श्रम एवं रोजगार कार्यालय
10:57 बजे टीम उपायुक्त श्रम रोजगार कार्यालय पहुंची। यहां भी वही दृश्य देखने को मिला—कुर्सी खाली, अधिकारी गायब। यह विभाग श्रमिकों और बेरोजगारों के हितों से जुड़ा है, जहां समय पर सेवा न मिलने से आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ता है।जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों की अवहेलना न केवल प्रशासनिक अनुशासन को कमजोर करती है, बल्कि जनता के विश्वास को भी ठेस पहुंचाती है। विकास भवन जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर अधिकारियों की अनुपस्थिति यह दर्शाती है कि शासन के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या केवल आदेश देना ही पर्याप्त है, या फिर उसकी अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए ठोस निगरानी व्यवस्था भी जरूरी है। जरुरतमंदों की समस्याओं का समाधान तभी संभव है जब अधिकारी समय पर कार्यालय में उपस्थित रहकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। जिलाधिकारी को चाहिए कि वे इस लापरवाही पर संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब करें और भविष्य में ऐसी स्थिति न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाएं।












