
- जिला अस्पताल के निकट चल रहे अवैध सेंटर,अधिकतर अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर रेडियालॉजिस्ट तैनात नहीं अप्रशिक्षित चला रहे सेंटर
महराजगंज। जनपद में गली-गली अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहे हैं, जिसमें से अधिकतर का न तो सीएमओ कार्यालय में पंजीकरण है और न ही इनके यहां रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती ही है, जिससे यहां से दी जाने वाली रिपोर्ट कितनी सही है इस पर सवाल उठना लाजमी हैं। सीएमओ कार्यालय में पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटरों की संख्या 58 है।
जिले में दिन प्रतिदिन पान की दुकानों की तरह अल्ट्रासाउंड सेंटर खुलते जा रहे हैं, जिससे इनका आंकड़ा सौ के पार पहुंच गया है, इनमें सर्वाधिक अल्ट्रासाउंड सेंटर जिला मुख्यालय पर हैं। जिला अस्पताल के आसपास ही कई अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं, इनमें से अधिकतर अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर रेडियालॉजिस्ट भी तैनात नहीं हैं, जिससे यहां पर अप्रशिक्षित लोग ही अल्ट्रासाउंड करके मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने में लगे हैं लेकिन सेहत महकमे के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर से उदासीन बने हुए हैं।
ये हैं मानक
महराजगंज स्वास्थ्य महकमे के लोगों का कहना है कि अल्ट्रासाउंड सेंटर खोलने के लिए रेडियालॉजिस्ट का होना जरूरी है। रेडियोलॉजिस्ट यदि नहीं है तो एमबीबीएस डॉक्टर भी अल्ट्रासाउंड सेंटर खोल सकता है, बशर्ते उसके पास रेडियोलॉजिस्ट का डिप्लोमा हो।
जांच के लिए गठित है समिति
जिले में अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच के लिए डीएम की अध्यक्षता में एक समिति होती है, जो शिकायत मिलने पर सेंटर की जांच करती है। उन्होंने बताया कि डीएम के निर्देश पर डॉक्टर और सिटी मजिस्ट्रेट अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच करते हैं।
जिले में पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटर
महराजगंज में 18 निचलौल में 4, फरेंदा सात, बृजमनगंज में 3, कोल्हुई में 2,नौतनवा में 8, सिसवा में 2, निचलौल में 4, परतावल में 5, पनियरा में 5, घुघली में 2 और मिठौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित 58 अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित है।
जिले में अपंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटर चलने की जानकारी मिली है। जल्द ही अभियान चलाकर जांच कराई जाएगी और अपंजीकृत सेंटर संचालकों पर कार्रवाई होगी।
-डॉ. श्रीकांत शुक्ला, सीएमओ
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