
- डीएम ने प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की तैयारी,मान्य प्रकाशन की किताबें लागू करने का आदेश
- स्कूलों की मनमानी पर नज़र रखने के लिए ब्लॉक स्तर पर गठित टीम 20 मई तक रिपोर्ट देने के निर्देश
महराजगंज। हाई-फाई सुविधाओं से लैस निजी प्रतिष्ठित स्कूलों की मनमानी को लेकर डीएम अनुनय झा ने निजी स्कूलों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में स्कूलों को छात्र-छात्राओं या अभिभावकों का शोषण नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तर पर गठित जांच टीमों द्वारा जिन विद्यालयों में प्रथम दृष्टया अमान्य प्रकाशन की पुस्तकों का संचालन होते हुए पाया गया, उनमें 20 मई तक आख्या समिति के समक्ष प्रस्तुत करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दें कि विद्यालयों में विभिन्न बोर्डों से मान्य प्रकाशन की पुस्तकों का ही संचालन हो।जिलाधिकारी अनुनय झा ने नए शिक्षण सत्र के लिए निजी स्कूलों के संचालन में सख्त निर्देश जारी किए हैं। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में उन्होंने सभी निजी विद्यालय संचालकों को शासनादेशों का पालन करने के निर्देश दिए, साथ ही अभिभावकों व छात्रों के शोषण को रोकने के लिए कड़े कदमों की घोषणा की गई।
जिलाधिकारी का संवेदनशील रुख
जिलाधिकारी अनुनय झा ने कहा कि अक्सर अभिभावकों को स्कूलों अनावश्यक फीस, किताबें, यूनिफॉर्म आदि के नाम पर परेशान करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे किसी भी शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अभिभावकों से शिकायतें सीधे जिला प्रशासन या हेल्पलाइन नंबरों पर दर्ज कराने की बात रखी। जिससे प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी प्राइवेट स्कूलों को एनसीईआरटी से निर्धारित पाठ्यक्रम की पुस्तकें ही लागू करनी होंगी। अगर किसी भी स्कूल ने अतिरिक्त या गैर-मान्यता प्राप्त किताबें थोपीं तो कार्रवाई की जाएगी। बच्चों के अभिभावकों और छात्रों को किसी विशेष दुकान या संस्था से यूनिफॉर्म, जूते, मोजे आदि खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। स्कूलों की ओर से इस तरह की अनिवार्यता लगाने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
जिलाधिकारी अनुनय झा ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दें कि विद्यालयों में विभिन्न बोर्डों से मान्य प्रकाशन की पुस्तकों का ही संचालन हो। साथ ही विद्यालयों में विद्यार्थियों को ड्रेस आदि विद्यालय अथवा किसी निर्धारित दुकान से खरीदने के लिए मजबूर न किया जाए।
उन्होंने शुल्क वृद्धि भी नियमानुसार किए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी दशा में अभिभावकों का आर्थिक शोषण न हो इसको जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनिश्चित करें।बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक प्रदीप कुमार शर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऋद्धि पाण्डेय, वरिष्ठ कोषाधिकारी राजकुमार गुप्ता सहित समिति के अन्य सदस्य व जांच दल के लोग उपस्थित रहे।
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