
महराजगंज: उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रविवार को जिले का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने यूरिया खाद को लेकर हुई मारामारी की हकीकत का जायजा लिया और सिलसिलेवार उर्वरक की उपलब्धता और वितरण की जानकारी हासिल की।
कृषि मंत्री ने कहा कि यूरिया वितरण का जो मानक तय किए गए हैं, उसका अक्षरशः पालन होना चाहिए, चाहे वह सहकारी समिति हो या खाद बेचने वाले दुकानदार। खाद वितरण में जिसने भी गड़बड़ी की, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान का रकबा और खाद वितरण करने वाले समिति और दुकानदार का बिक्री रजिस्टर सत्यापित किया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी डाक बंगले पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने खाद की किल्लत को लेकर अभिलेखों की जांच की। उन्होंने बताया कि तय मानक से अधिक यूरिया लेने वाले 261 लोगों को चिन्हित किया गया है। इनके खेत की जांच की जाएगी ताकि पता चले कि कितने यूरिया की जरूरत थी और उससे अधिक क्यों ली गई।
कृषि मंत्री ने जिले में यूरिया खाद की अधिक खपत करने वाले किसानों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि जुलाई में 261 लोगों ने एक मीट्रिक टन से अधिक यूरिया खरीदा, जिनमें 38 लोग 10 बार से ज्यादा कतार में खड़े हुए। ऐसे किसानों का सत्यापन कराया जाएगा ताकि जोत से अधिक खाद लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई और रिकवरी की जा सके।
मंत्री ने बताया कि जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। पिछले साल की तुलना में इस बार 6 प्रतिशत अधिक यूरिया आवंटित किया गया है और गोदामों में 5544 मीट्रिक टन यूरिया का स्टॉक मौजूद है। समितियों पर उमड़ रही भीड़ पर मंत्री ने कहा कि जुलाई में 261 लोगों ने एक मीट्रिक टन से अधिक यूरिया खरीदा, जिसमें 38 लोग 10 बार से ज्यादा पॉस मशीन पर अंगूठा लगाकर खाद ले चुके हैं। जून में भी 186 लोगों ने एक मीट्रिक टन से अधिक खाद लिया।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि अधिक खाद लेने वालों का सत्यापन होगा। यदि खेती की जोत से अधिक खाद लेने की पुष्टि हुई, तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के साथ रिकवरी भी की जाएगी। उन्होंने 10 ऐसे किसानों के नाम और पते भी सार्वजनिक किए।
कृषि मंत्री ने केंद्र और प्रदेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त प्रधानमंत्री द्वारा यूपी के किसानों को जारी कर दी गई है। महराजगंज जिले के करीब पांच लाख किसानों को 1551.48 करोड़ रुपये पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में मिल चुके हैं।
उन्होंने बताया कि 2016-17 में 557 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 2024-25 में यह बढ़कर 737 लाख मीट्रिक टन हो गया है। कृषि क्षेत्र की विकास दर 7.17 प्रतिशत तक पहुंची है, जिससे कृषि का योगदान 2 लाख करोड़ से बढ़कर 4.37 लाख करोड़ हो गया है।
इस दौरान सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया भी मौजूद थे।
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