
महराजगंज : आसमान में उमड़ते-घुमड़ते बादल किसानों के लिए छलावा साबित हो रहे हैं। इस समय धान की रोपाई के बाद खेत में पानी की नितांत आवश्यकता होती है। आकाश में उमड़-घुमड़ कर बादलों की घटा बन रही है, लेकिन चमक-गरज और बूंदाबांदी के बाद कहीं-कहीं हल्की-फुल्की बारिश होने के बाद मौसम साफ हो जा रहा है। बादलों की लुकाछिपी के खेल से किसान संकट में हैं। इस समय की भीषण गर्मी और धूप से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
किसान कहीं खाद तो कहीं बारिश के पानी की आस लगाए बैठे हैं। जिन किसानों को जैसे-तैसे खाद मिल गई है, वे पानी के लिए तरस रहे हैं, तो कुछ किसान खाद और पानी दोनों के लिए परेशान हैं। फिलहाल बारिश और पानी की कमी से किसान दोनों तरह से परेशान हैं। किसान आज भी लाइन में लगकर खाद के लिए तरस रहे हैं, लेकिन अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठकर क्षेत्र में खाद की कोई किल्लत न होने का दावा कर रहे हैं। यह सब किसानों के साथ एक छलावे की तरह साबित हो रहा है।
क्षेत्रीय किसानों ने बताया कि किसी तरह डीजल लाकर खेत की बुआई तो कर दी, लेकिन अब बुआई के बाद खाद और बारिश के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। वहीं सोनवल निवासी किसान रामजीत भारती ने बताया कि धान की रोपाई के बाद बारिश का पानी नितांत आवश्यक होता है, जो धान की फसल के लिए पानी के साथ-साथ खाद का भी कार्य करता है। परसामीर निवासी राधे ने कहा कि धान में पानी न रहने के कारण खेत में तरह-तरह की खर-पतवार उग आई हैं। साथ ही पानी न होने से खेत सूख गया है, जिससे धान की फसल दिन-प्रतिदिन नुकसान की ओर बढ़ रही है।
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